सरकार द्वारा किये गये सुधारों से निवेश को बढ़ावा मिलेगा: मुख्य आर्थिक सलाहकार
By भाषा | Updated: June 29, 2021 21:36 IST2021-06-29T21:36:27+5:302021-06-29T21:36:27+5:30

सरकार द्वारा किये गये सुधारों से निवेश को बढ़ावा मिलेगा: मुख्य आर्थिक सलाहकार
नयी दिल्ली, 29 जून मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रह्मण्यम ने मंगलवार को कहा कि सरकार द्वारा पिछले एक साल में किए गए कई सुधारों, खासकर आपूर्ति पक्ष की समस्याओं को दूर करने पर केंद्रित सुधारों से विदेशी निवेश सहित सकल निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
सुब्रह्मण्यम ने इंस्टीट्यूट फोर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट (आईएसआईडी) द्वारा आयोजित विश्व निवेश रिपोर्ट 2021 पर वर्चुअल चर्चा में कहा कि ऐसे समय में जब उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) में करीब 50 प्रतिशत का संकुचन हुआ, महामारी के बीच भारत का सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज करना इस बात का संकेत है कि विदेशी कंपनियों ने वह किया जिसकी वह बातें करती रहीं हैं।
उन्होंने कहा कि विलय और अधिग्रहण में एफडीआई बनाम ग्रीनफील्ड में एफडीआई का अंतर संगत है और "यह तथ्य कि विलय एवं अधिग्रहण दूसरे देशों में उतना नहीं हुआ, लेकिन भारत में हुआ और उससे महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गयी, भारत की वृद्धि की कहानी का परिचायक है।"
संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) द्वारा इस महीने की शुरुआत में जारी की गयी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2020 में 64 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया गया। इस तरह से भारत एफडीआई हासिल करने वाला दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा देश रहा। यह आंकड़ा सूचना एवं संचार (आईसीटी) उद्योग में किए गए अधिग्रहणों की वजह से हासिल हुआ।
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अकेला ऐसा देश है जिसने पिछले डेढ़ वर्षों में कई सुधार किए जो कि मुख्य रूप से आपूर्ति पक्ष की कई समस्याओं को हटाने पर केंद्रित रहे। इसके साथ देश में निवेश का रास्ता साफ हुआ।
सुब्रह्मण्यम ने कहा, "श्रम सुधार, कृषि सुधार, बौनेपन की सोच से बचने के लिए एमएमएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) की परिभाषा में बदलाव और सबसे ऊपर उद्यम नीति में निजी क्षेत्र पर ध्यान देना.. यहीं पर निजी क्षेत्र पर केंद्रित उद्यम नीति के संदर्भ में भविष्य के एफडीआई का रास्ता समझा जाना चाहिए।"
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (पीएसई) नीति की घोषणा करते हुए कहा था कि चार रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर दूसरे क्षेत्रों में पीएसई में विनिवेश किया जाएगा। यह नीति रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में विनिवेश का एक साफ रोडमैप पेश करेगी।
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