पीपीएफ-एनएससी पर मिलने वाला ब्याज घटा सकती है सरकार
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: September 7, 2019 10:39 AM2019-09-07T10:39:11+5:302019-09-07T10:39:11+5:30
सरकार ने जून में भी पीपीएफ और एनएससी पर ब्याज दर में 10 बेसिस प्वाइंट की कमी कर इसे 7.9% किया था. बैंकिंग क्षेत्र में ब्याज दरों में आ रही कमी के चलते सरकार ने यह कदम उठाया था.
सरकार लघु बचत योजनाओं जैसे लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर इस महीने के अंत तक ब्याज दर में कटौती कर सकती है. दरअसल इन लघु बचत योजनाओं की ब्याज दर फिलहाल बाजार के अनुरूप नहीं है, जिसके चलते बैंकों को लघु बचत योजनाओं में ब्याज के रूप में ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ रही है.
सरकार ने जून में भी पीपीएफ और एनएससी पर ब्याज दर में 10 बेसिस प्वाइंट की कमी कर इसे 7.9% किया था. बैंकिंग क्षेत्र में ब्याज दरों में आ रही कमी के चलते सरकार ने यह कदम उठाया था. अब एक बार फिर यह कटौती किए जाने की संभावना है.
रिजर्व बैंक ने बुधवार को बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने छोटे और मझोले उद्योगों को दिए जाने वाले लोन और खुदरा मूल्य को बाहरी तत्वों जैसे रेपो रेट और ट्रेजरी बिल्स के अनुरूप करें. दरअसल, आने वाले दिनों में बैंकों को ब्याज से मिलने वाले लाभ पर दबाव पड़ सकता है, जिसके चलते बैंक अपनी ब्याज दर में कटौती नहीं कर सकेंगे.
एसबीआई ने अपनी ब्याज दर को रेपो रेट के साथ लिंक कर दिया है. हालांकि अभी यह बदलाव स्थायी नहीं है. एसबीआई के अलावा आईडीबीआई बैंक ने भी अपने डिपॉजिट को रेपो रेट से जोड़ लिया है. एक निजी बैंक के अधिकारी ने बताया कि गिरती ब्याज दर की स्थिति में अपने डिपॉजिट को रेपो रेट के साथ लिंक करना संभव नहीं है.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि लघु बचत योजनाओं में ब्याज दर में कटौती करने की जरूरत है, लेकिन यह एक राजनैतिक फैसला है और मौजूदा दौर में सरकार के लिए यह एक मुश्किल फैसला होगा.