सरकार ने एफसीआई को, पोषणतत्व मिश्रित चावल मिलों से समझौता करने को कहा

By भाषा | Updated: November 3, 2020 18:37 IST2020-11-03T18:37:42+5:302020-11-03T18:37:42+5:30

Government asks FCI to compromise on nutritional mixed rice mills | सरकार ने एफसीआई को, पोषणतत्व मिश्रित चावल मिलों से समझौता करने को कहा

सरकार ने एफसीआई को, पोषणतत्व मिश्रित चावल मिलों से समझौता करने को कहा

नयी दिल्ली, तीन नवंबर सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को राशन की दुकानों और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के जरिए अतिरिक्त पोषक तत्वों से युक्त चावल की आपूर्ति बढ़ाने के लिए चावल मिलों के साथ समझौता करने के लिए कहा गया है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से ऐसे चावल के वितरण के लिए 15 राज्यों की पहचान की गयी है। इनमें से, पांच राज्य आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ एक एक जिले में इस कार्यक्रम को लागू कर रहे हैं।

खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडे तथा टाटा ट्रस्ट, वर्ल्ड फूड प्रोग्राम, न्यूट्रीशन इंटरनेशनल जैसे अन्य अंशधारकों के बीच मंगलवार को हुई बैठक में इस केंद्रीय योजना को व्यापक बनाने के तरीके पर चर्चा की गई।

इसमें कहा गया है कि बैठक में यह महसूस किया गया,‘‘फोर्टीफाइड चावल दाने (एफआरके) की आपूर्ति को बढ़ाने की जरूरत है, जिसकी उपलब्धता मौजूदा समय में काफी कम यानी 15,000 टन प्रति वर्ष है।’’

मंत्रालय के अनुसार, ‘‘एफसीआई को, इस संबंध में आवश्यक निवेश के लिए विभिन्न क्षेत्रों में चावल मिलों के साथ गठजोड़ करने के लिए कहा गया है।’’

एफसीआई की परिचालन तत्परता वर्ष 2021-2022 के बाद से चरणबद्ध तरीके से फोर्टीफाइड चावल की खरीद और आपूर्ति को सफलतापूर्वक बढ़ाने में मदद करेगी।

मंत्रालय ने कहा, कि बैठक में अधिकारियों ने पहले देश के 'आकांक्षी जिलों' में एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) और मध्यान्ह भोजन (एमडीएम) योजना को दायरे में लाते हुए योजना को बढ़ाने के लिए आपूर्ति श्रृंखला और अन्य ‘लाजिस्टिक्स’ आवश्यकताओं के बारे में चर्चा की।

यह पाया गया कि 112 आकांक्षी जिलों में पीडीएस, आईसीडीएस और एमडीएम योजना के लिए लगभग 130 लाख टन फोर्टीफाइड चावल की आवश्यकता होगी, जिसके लिए देश में एफआरके (पोषण समृद्ध चावल दाना) आपूर्ति की क्षमता लगभग 1.3 लाख टन तक बढ़ाये जाने की आवश्यकता है।

बयान में कहा गया है कि अगर पीडीएस के माध्यम से आपूर्ति किये जाने वाले पूरे 350 लाख टन चावल को पोषण समृद्ध किया जाता है, तो पूरे चावल की निर्बाध रूप से आपूर्ति लगभग 3.5 लाख टन की होनी चाहिये।

इसके अलावा, देश में लगभग 28,000 धान मिलें हैं जहां सामान्य चावल के साथ पोषण समृद्ध चावल दाना (एफआरके) मिलाने के लिए सम्मिश्रण मशीनों को लगाने की आवश्यकता है।

खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी हाल ही में दो बार योजना की समीक्षा की थी और देश में पोषक तत्वों से समृद्ध चावल की आपूर्ति बढ़ाने पर जोर दिया था।

उन्होंने एफसीआई को वर्ष 2021-2022 से आईसीडीएस और एमडीएम योजना के तहत फोर्टिफाइड चावल के वितरण के लिए एक व्यापक योजना के साथ-साथ देश के 112 विशेष रूप से पहचाने गए आकांक्षी जिलों में इसकी शुरुआत करने का निर्देश दिया था।

वर्ष 2019-20 से शुरू होकर तीन वर्षों की अवधि के लिए 174.6 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ प्रायोगिक योजना को लागू किया जा रहा है।

Web Title: Government asks FCI to compromise on nutritional mixed rice mills

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