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वैश्विक कर्ज 2,26,000 अरब डॉलर की नयी ऊंचाई पर : आईएमएफ

By भाषा | Updated: October 13, 2021 18:16 IST

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(ललित के झा)

वाशिंगटन, 13 अक्टूबर कोविड-19 और इससे निपटने के लिए बनाई गई नीतियों के कारण वैश्विक ऋण 2,26,000 डॉलर के नए उच्चस्तर पर पहुंच गया है और 2021 में भारत का कर्ज बढ़कर 90.6 प्रतिशत होने का अनुमान है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने बुधवार को यह बात कही।

आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं और चीन ने 2020 में वैश्विक स्तर पर ऋण के संचय में 90 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया। शेष उभरती अर्थव्यवस्थाओं और कम आय वाले विकासशील देशों ने केवल लगभग सात प्रतिशत का योगदान दिया।

आईएमएफ के वित्तीय मामलों के विभाग के निदेशक विटोर गैस्पर ने 2021 की वित्तीय निगरानी रिपोर्ट जारी करने के दौरान संवाददाताओं से कहा, “कोविड-19 और इससे निपटने के लिए बनाई गई नीतियों के कारण, ऋण का स्तर तेजी से बढ़ा और उच्चस्तर पर पहुंच गया। सार्वजनिक और निजी ऋण का उच्च और बढ़ता स्तर वित्तीय स्थिरता और सार्वजनिक वित्त के जोखिम से जुड़ा है।”

उन्होंने कहा, ‘‘सरकारों और गैर-वित्तीय निगमों का कर्ज 2020 में 2,26,000 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो 2019 से 27,000 अरब डॉलर अधिक है। यह अबतक की सबसे बड़ी वृद्धि है।’’

इस आंकड़े में सार्वजनिक और गैर-वित्तीय निजी क्षेत्र दोनों के ऋण शामिल हैं।

अपनी 2021 की वित्तीय निगरानी रिपोर्ट में, आईएमएफ ने कहा कि भारत का कर्ज 2016 में उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 68.9 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 89.6 प्रतिशत हो गया। इसके 2021 में 90.6 प्रतिशत और फिर 2022 में घटकर 88.8 प्रतिशत होने का अनुमान है। 2026 में इसके धीरे-धीरे घटकर 85.2 प्रतिशत तक आने का अनुमान है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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