नरेंद्र मोदी सरकार के शपथ लेने के दूसरे दिन ही अर्थव्यवस्था के लिए बूरी खबर आई है। देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में धीमी पड़कर 5.8 प्रतिशत रही। जो एक साल पहले इसी तिमाही में 8.1 प्रतिशत थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने इसकी जानकारी दी है। वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत थी।
जीडीपी वृद्धि की यह दर 2014-15 के बाद सबसे धीमी है। इससे पहले वित्त वर्ष 2013-14 में जीडीपी वृद्धि की गति 6.4 फीसदी रही थी। चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर चीन की आर्थिक वृद्धि की गति 6.4 प्रतिशत से कम रही।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आकड़ों के मुताबिक, जनवरी-मार्च तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) महज 5.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। लेबर सर्वे के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में देश में बेरोजगारी दर भी 6.1% पर रही है। इसका असर जीडीपी ग्रोथ रेट पर पड़ा है, जीडीपी सात प्रतिशत से नीचे फिसलकर 6.8 प्रतिशत पर आ गया है। सरकार ने जीडीपी 7.2 रहने का अनुमान लगाया था।