गौतम अडानी ने मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ा, बने एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति, जानें कितनी है संपत्ति
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: June 2, 2024 10:18 IST2024-06-02T10:17:25+5:302024-06-02T10:18:59+5:30
गौतम अडानी ने अमीरी के मामले में मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ दिया है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार गौतम अडानी मुकेश अंबानी को पछाड़कर एक बार फिर एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं।

गौतम अडानी ने अमीरी के मामले में मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ दिया है
नई दिल्ली: भारतीय अरबपति कारोबारी गौतम अडानी ने अमीरी के मामले में मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ दिया है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार गौतम अडानीमुकेश अंबानी को पछाड़कर एक बार फिर एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। अडानी की कुल संपत्ति 111 बिलियन डॉलर हो गई है। ब्लूमबर्ग की दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की रैंकिंग में अडानी 11वें और मुकेश अंबानी 12वें स्थान पर हैं।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के झटके से अब अडानी पूरी तरह उबरते हुए दिखाई दे रहे हैं। हाल के कुछ महीनों में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह ने विभिन्न क्षेत्रों में पर्याप्त वृद्धि और विस्तार देखा है। समूह के उद्यम ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स जैसे उद्योगों तक फैले हुए हैं। अडानी समूह पोर्ट, खनन और रक्षा बिजनेस में भी है। ये कारोबार समूह को भारतीय और वैश्विक बाजारों में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करते हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के पास पहले एशिया के सबसे अमीर शख्स का खिताब था। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स दुनिया के सबसे अमीर लोगों की दैनिक रैंकिंग, वैश्विक स्तर पर सबसे अमीर व्यक्तियों की वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है। अडानी और अंबानी के बीच प्रतिस्पर्धा भारत के भीतर व्यापक आर्थिक रुझानों को रेखांकित करती है।
पिछले दिनों अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से पहले के स्तर पर वापस आ गया। हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी, 2023 को एक रिपोर्ट में अडाणी समूह पर शेयरों की कीमतों में हेरफेर करने और लेखांकन धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। इसके बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई और इनका कुल बाजार मूल्यंकन लगभग 150 अमेरिकी डॉलर घट गया।
हालांकि इस रिपोर्ट का अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने खंडन किया था कहा कि पिछले साल जनवरी में आई अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट न केवल विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार वाले समूह को अस्थिर करने बल्कि भारत की शासन (गवर्नेंस) प्रणाली को राजनीतिक रूप से बदनाम करने के लिए भी लाई गई थी। शॉर्ट-सेलर एवं निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह पर शेयरों के भाव में हेराफेरी और वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
यह रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह के शेयरों में 150 अरब डॉलर से अधिक की बिकवाली हुई थी। इसका असर यह हुआ था कि 2023 की शुरुआत में दुनिया के दूसरे सबसे अमीर उद्यमी के रूप में सूचीबद्ध गौतम अडाणी शीर्ष 20 से भी बाहर हो गए। बाद में समूह ने इस नुकसान की काफी हद तक भरपाई कर ली है।