रिलायंस के साथ सौदे पर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ फ्यूचर रिटेल की उच्चतम न्यायालय में अपील

By भाषा | Updated: August 28, 2021 21:06 IST2021-08-28T21:06:49+5:302021-08-28T21:06:49+5:30

Future Retail appeals in Supreme Court against High Court order on deal with Reliance | रिलायंस के साथ सौदे पर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ फ्यूचर रिटेल की उच्चतम न्यायालय में अपील

रिलायंस के साथ सौदे पर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ फ्यूचर रिटेल की उच्चतम न्यायालय में अपील

किशोर बियानी की अगुवाई वाली कंपनी फ्यूचर रिटेल लि. (एफआरएल) ने रिलायंस रिटेल के साथ अपने 24,713 करोड़ के सौदे पर दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। कंपनी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उच्च न्यायालय ने रिलायंस रिटेल के साथ के कंपनी के सौदे पर यथास्थिति कायम रखने और सिंगापुर के आपात पंचाट के आदेश के प्रवर्तन का निर्देश दिया था। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में फ्यूचर रिटेल ने कहा, ‘‘कंपनी ने दो फरवरी, 2021 और 18 मार्च, 2021 को सुनाए गए एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में विशेष अवकाश याचिका (एसएलपी) दायर की है। समय के साथ इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।’’ फ्यूचर रिटेल ने कहा कि इस मामले की तत्काल सुनवाई तथा दिल्ली उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेशों पर रोक की जरूरत है। ऐसा नहीं होने पर कंपनी परिसमापन में चली जाएगी। कंपनी ने कहा कि विलय की योजना राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष सूचीबद्ध थी, लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश की वजह से इस पर आगे नहीं बढ़ा जा सका। कंपनी ने कहा, ‘‘इसकी वजह से सभी अंशधारकों के हित की योजना आगे नहीं बढ़ पाई। इस योजना से आम लोगों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को लाभ होता। यदि यह योजना आगे नहीं बढ़ पाती है, तो यह निश्चित है कि एफआरएल परिसमापन में चली जाएगी।’’ कंपनी ने कहा कि इसके अलावा बैंक कर्ज तथा एफआरएल और उसके समूह की कंपनियों द्वारा डिबेंचर के रूप में जारी करीब 28,000 करोड़ रुपये की सार्वजनिक राशि भी जोखिम में आ जाएगी। फ्यूचर रिटेल ने कहा कि यह योजना धराशायी होने से जो नुकसान होगा, उसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता। इससे एफआरएल और योजना से जुड़ी कंपनियों के 35,575 कर्मचारियों की आजीविका पर संकट आ जाएगा। दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश की पीठ ने दो फरवरी को फ्यूचर रिटेल को रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे में यथास्थिति कायम रखने का निर्देश दिया था। अमेरिका की ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजन ने इस सौदे पर आपत्ति जताई थी। न्यायमूर्ति जे आर मिधा ने कहा था कि अदालत इस बात को लेकर संतुष्ट है कि अमेजन के अधिकारों के संरक्षण के लिए तत्काल अंतरिम आदेश पारित करने की जरूरत है। इसके बाद 18 मार्च को अदालत ने सिंगापुर आपात पंचाट (ईए) के फ्यूचर रिटेल को रिलायंस रिटेल को अपना कारोबार 24,713 करोड़ रुपये में बेचने के सौदे पर रोक के आदेश को उचित ठहराया था। न्यायमूर्ति जे आर मिधा ने फ्यूचर रिटेल को निर्देश दिया था कि वह रिलायंस के साथ सौदे पर आगे कोई कार्रवाई नहीं करे। अदालत ने कहा था कि समूह ने जानबूझकर ईए के आदेश का उल्लंघन किया है। उच्च न्यायालय ने फ्यूचर समूह की सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया था और साथ ही कंपनी और उसके निदेशकों पर 20 लाख रुपये की लागत भी लगाई थी। फ्यूचर रिटेल लि. ने 12 अगस्त को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा था कि किशोर बियानी, राकेश बियानी और बियानी परिवार के अन्य सदस्यों के साथ होल्डिंग कंपनियों फ्यूचर कूपंस, फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेज, अकार एस्टेट एंड फाइनेंस ने उच्चतम न्यायालय में अमेजन.कॉम एनवी इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स एलएलसी के खिलाफ विशेष अवकाश याचिका दायर की है।

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Web Title: Future Retail appeals in Supreme Court against High Court order on deal with Reliance

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