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भारत में लॉकडाउन के कारण अप्रैल माह में ईंधन की बिक्री 50 प्रतिशत गिरी

By भाषा | Updated: April 17, 2020 19:05 IST

इससे पहले मार्च महीने के दौरान डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन की मांग गिरने से पेट्रोलियम उत्पादों की खपत 17.79 प्रतिशत गिरकर 160.8 लाख टन रही थी।

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ठळक मुद्देसड़कों पर वाहन, रेल गाड़ियों का आवागमन और विमानों की उड़ानें भी इस दौरान बंद हैं।इसके अलावा पेट्रोल की खपत इस दौरान 16.37 प्रतिशत गिरकर 21.5 लाख टन पर आ गयी थी।

नयी दिल्ली: देश भर में लागू लॉकडाउन के कारण कारखानों का परिचालन व यात्रा आदि के ठप होने से अप्रैल महीने में रसोई गैस को छोड़ शेष सभी ईंधनों की मांग में बड़ी गिरावट देखने को मिली। इस कारण अप्रैल में ईंधन की कुल मांग 50 प्रतिशत कम हो गयी। प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल के पहले दो सप्ताह में पेट्रोल की बिक्री 64 प्रतिशत तथा डीजल की बिक्री 61 प्रतिशत कम हो गयी है। उड़ानों के बंद होने के कारण विमानन ईंधन की मांग 94 प्रतिशत कम हो गयी है। इस दौरान सिर्फ रसोई गैस की बिक्री में तेजी देखी गयी।

एक अप्रैल से 15 अप्रैल के दौरान एलपीजी की मांग 21 प्रतिशत बढ़ गयी। कुल पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में 50 प्रतिशत की गिरावट आयी। ये आंकड़े तीन सरकारी विपणन कंपनियों इंडियन आयल कार्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की बिक्री पर आधारित हैं। नायरा एनर्जी जैसी निजी कंपनियां महीने के बीच के आंकड़े नहीं जारी करती हैं।

इन कंपनियों के आंकड़े तब पता चलते हैं जब पेट्रोलियम मंत्रालय हर महीने के दूसरे सप्ताह में मासिक आंकड़े जारी करता है। उद्योग जगत के अधिकारियों ने कहा कि यह ईंधन की बिक्री में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। भारत ईंधन का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है। अप्रैल में खपत में गिरावट से पहले मार्च महीने में ईंधन की बिक्री में एक दशक से अधिक समय की सबसे बड़ी गिरावट रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिये 25 मार्च से 21 दिन का लॉकडाउन लागू करने की घोषणा की थी।

हालांकि अब इसे तीन मई तक के लिये बढ़ा दिया गया है। इस दौरान देशभर में सभी दफ्तर, कारखाने बंद हैं। केवल जरूरी सेवाओं को छूट दी गयी है। सड़कों पर वाहन, रेल गाड़ियों का आवागमन और विमानों की उड़ानें भी इस दौरान बंद हैं। इससे पहले मार्च महीने के दौरान डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन की मांग गिरने से पेट्रोलियम उत्पादों की खपत 17.79 प्रतिशत गिरकर 160.8 लाख टन रही थी।

मार्च में सबसे अधिक खपत वाले ईंधन डीजल की मांग में 24.23 प्रतिशत की गिरावट आयी और यह 56.5 लाख टन रही थी। यह डीजल की खपत में आयी रिकॉर्ड गिरावट है। इसके अलावा पेट्रोल की खपत इस दौरान 16.37 प्रतिशत गिरकर 21.5 लाख टन पर आ गयी थी। मार्च में विमानन ईंधन की मांग 32.4 प्रतिशत गिरकर 4.84 लाख टन रही थी। इस दौरान एलपीजी की बिक्री 1.9 प्रतिशत बढ़कर 23 लाख टन रही थी। 

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