मुंबईः देश का विदेशी मुद्रा भंडार तीन जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान 6.47 अरब डॉलर की बड़ी वृद्धि के साथ 513.25 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।
भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इससे पूर्व 26 जून को समाप्त हुए सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.27 अरब डॉलर बढ़कर 506.84 अरब डॉलर पर पहुंचा था। पांच जून को समाप्त सप्ताह में पहली बार देश का विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के स्तर से ऊपर गया था। उस समय यह 8.22 अरब डॉलर की जोरदार वृद्धि के साथ 501.70 अरब डॉलर पहुंचा था।
विदेशी मुद्रा भंडार में तीन जुलाई को समाप्त सप्ताह में आई तेजी का कारण कुल मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियों का बढ़ना है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां 5.66 अरब डॉलर बढ़कर 473.26 अरब डॉलर हो गईं।
रिजर्व बैंक के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण आरक्षित भंडार 49.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 34.02 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक के आंकड़े दर्शाते हैं कि समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में विशेष आहरण अधिकार 40 लाख डॉलर बढ़कर 1.45 अरब डॉलर जबकि आईएमएफ में देश का आरक्षित मुद्रा भंडार 25.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.52 अरब डॉलर हो गया।
बैंक, वित्त शेयरों में बिकवाली से सेंसेक्स, निफ्टी में गिरावट, साप्ताहिक आधार पर बाजार मजबूत
एशिया के अन्य शेयर बाजारों में गिरावट के बीच वित्त और बैंक शेयरों में बिकवाली से बीएसई सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 143.36 अंक यानी 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 36,594.33 अंक पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 45.40 अंक यानी 0.42 प्रतिशत गिरकर 10,768.05 अंक पर बंद हुआ। कारोबारियों के अनुसार एशिया के अन्य बाजारों में गिरावट का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा।
कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामले और उसका आर्थिक पुनरूद्धार पर पड़ने वाले प्रभाव का असर निवेशकों की धारणा पर पड़ा। सेंसेक्स के शेयरों में एक्सिस बैंक को सर्वाधिक 3.14 प्रतिशत का नुकसान हुआ। इसके अलावा इंडसइंड बैंक, टाइटन, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, ओएनजीसी और एचडीएफसी बैंक में गिरावट दर्ज की गयी। दूसरी तरफ रिलायंस इंडस्ट्रीज, सन फार्मा, एचयूएल, भारती एयरटेल और टीसीएस के शेयर लाभ में रहे। इनमें 2.95 प्रतिशत तक की तेजी आयी।
आईटी कंपनी टीसीएस का शेयर 0.79 प्रतिशत मजबूत हुआ। जून तिमाही में कंपनी का लाभ 13.8 प्रतिशत घटकर 7,008 करोड़ रुपये रहा कोरोना वायरस संकट से कंपनी की आय पर असर पड़ा है। कंपनी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में उसकी आय कोविड-19 के पूर्व स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 572.91 अंक यानी 1.59 प्रतिशत जबकि निफ्टी 160.70 अंक यानी 1.51 प्रतिशत ऊंचे रहे।
कोटक सिक्युरिटीज के उपाध्यक्ष (पीसीजी रिसर्च) संजीव जरबदे ने कहा, ‘‘पिछले पांच कारोबारी सत्रों में एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) ने 26.1 करोड़ डॉलर मूल्य के शेयर बेचे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने उसी दौरान 10.6 करोड़ डॉलर के शेयर बेचे। हम बाजार में कुछ कमजोरी देख रहे हैं जो एफपीआई और डीआईआई की बिकवाली से पता चलता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा तिमाही परिणाम कई साल बाद कमजोर रहने की आशंका है। इसको देखते हुए अल्पकाल को ध्यान में रखकर निवेश करनेवाले निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।’’
वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 1.22 करोड़ पर पहुंच गयी है जबकि 5.54 लाख लोगों की मौत हुई है। वहीं देश में स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 संक्रमित लोगों की संख्या 7.93 लाख पहुंच गयी जबकि 21,604 लोगों की मौत हुई है।
एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई, हांगकांग, जापान का तोक्यो और दक्षिण कोरिया का सोल काफी नुकसान के साथ बंद हुए। वहीं यूरोप के प्रमुख प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में तेजी रही। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव 2.08 प्रतिशत फिसलकर 41.47 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। वहीं अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे टूटकर 75.20 पर बंद हुआ।