'अगले साल बढ़ेगा सरकार का राजस्व, राजकोषीय स्थिति में आएगा सुधार'

By IANS | Published: February 10, 2018 07:34 PM2018-02-10T19:34:39+5:302018-02-10T19:36:08+5:30

वित्तमंत्री ने कहा, 'मैंने सेबी के निदेशक मंडल के साथ बैठक की थी, जिसमें उन्होंने अपने प्रेजेंटेशन में बताया कि पुनर्पूजीकरण से न सिर्फ बैंकों के कर्ज उठाव में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि बांड बाजार को भी मजबूती मिली है।'

fiscal situation will improve next year says arun jaitely | 'अगले साल बढ़ेगा सरकार का राजस्व, राजकोषीय स्थिति में आएगा सुधार'

'अगले साल बढ़ेगा सरकार का राजस्व, राजकोषीय स्थिति में आएगा सुधार'

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार (10 फरवरी) को कहा कि सरकार का सरकारी बैंकों के पुनर्पूजीकरण के कदम से उनकी कर्ज देने की क्षमता में सुधार होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राजकोषीय स्थिति में अगले साल सुधार होगा। 

केद्रीय मंत्री जेटली ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं समझता हूं कि ऐसे संकेत मिलने लगे हैं कि (कर्ज उठाव) में बढ़ोतरी हुई है और यह अच्छा संकेत है और पुनर्पूजीकरण से बैंकों की क्षमता में भी सुधार होगा।' वह दिल्ली में भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सरकार ने बैंकिंग प्रणाली की हालत सुधारने के लिए सरकारी बैंकों को 2.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी देने की योजना बनाई है। 

वित्तमंत्री ने कहा, 'मैंने सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के निदेशक मंडल के साथ बैठक की थी, जिसमें उन्होंने अपने प्रेजेंटेशन में बताया कि पुनर्पूजीकरण से न सिर्फ बैंकों के कर्ज उठाव में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि बांड बाजार को भी मजबूती मिली है।' जेटली ने शनिवार को आम बजट पर आरबीआई और सेबी के निदेशक मंडल के साथ बैठक की। देश के राजकोषीय घाटे के बारे में जेटली ने कहा कि अगले साल राजस्व में बढ़ोतरी होगी, जिससे राजकोषीय घाटा घटेगा। 

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर चिंता व्यक्त करते हुए पटेल ने कहा, 'हमने हाल में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी तथा मुद्रास्फीति को देखते हुए ही प्रमुख ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं करने का फैसला किया था। कच्चे तेल की कीमतों का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है। कुछ महीने पहले लोग कह रहे थे कि अब इसके दाम 40-45 डॉलर से ऊपर कभी नहीं जाएंगे।'

पटेल ने कहा कि शीर्ष बैंक और बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को शेयर बाजार के तेज उतार-चढ़ाव का संज्ञान लेना चाहिए, ताकि जोखिमों का आकलन किया जा सके। पिछले कुछ दिनों से, बाजार में करेक्शन का दौर चल रहा था। यह न सिर्फ पूरी दुनिया में हो रहा है, बल्कि भारत में भी चल रहा है इसलिए यह दर्शाता है कि पूंजी बाजार कैसे दिशा बदलता है। अबतक न तो वैश्विक स्तर पर और न ही भारत में यह महसूस किया गया है कि यह बुलबुला कभी भी फट सकता है और एक बड़ी समस्या पैदा हो सकती है।

उन्होंने कहा, 'इसलिए वित्त मंत्रालय के नियामकों आरबीआई और एसबीआई दोनों को आगे के जोखिमों का आकलन करना चाहिए। पिछले कुछ दिनों से जारी करेक्शन से पता लगता है कि ये चीजें काफी तेजी से आगे बढ़ रही हैं।" एक से नौ फरवरी के बीच बीएसई के सेंसेक्स में 1,900 अंकों की गिरावट आई है तथा एनएसई के निफ्टी में 500 से अधिक अंकों की गिरावट दर्ज की गई है।
 

Web Title: fiscal situation will improve next year says arun jaitely

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