लाइव न्यूज़ :

वित्त मंत्री ने विभिन्न मंत्रालयों से पूंजी व्यय में तेजी लाने को कहा

By भाषा | Updated: June 11, 2021 22:17 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 11 जुलाई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से पूंजी खर्च को निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले अधिक करने तथा व्यवहारिक परियोजनाओं के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी की संभावना टटोलने की कोशिश करने को कहा।

उन्होंने बुनियादी ढांचा रूपरेखा पर चर्चा के लिये वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान मंत्रालयों और उनके अधीन आने वाले केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के बकाये का यथाशीघ्र निपटान करने का भी आग्रह किया।

बुनियादी ढांचा रूपरेखा पर यह वित्त मंत्री की मंत्रालयों तथा विभागों के साथ पांचवीं समीक्षा बैठक थी।

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में मंत्रालयों तथा उनके सीपीएसई के पूंजी व्यय, बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की स्थिति और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई।

विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘मंत्रालयों और उनके सीपीएसई के पूंजीगत व्यय प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए, वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये बढ़ा हुआ पूंजीगत व्यय महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा तथा मंत्रालयों को अपने पूंजीगत व्यय में तेजी लाने के लिए प्रोत्साहित किया।’’

मंत्रालयों से पूंजी व्यय निर्धारित लक्ष्य से अधिक करने का उद्देश्य लेकर चलने का आग्रह किया गया।

वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में 5.54 लाख करोड़ रुपये के पूंजी व्यय का प्रावधान किया गया है। यह 2020-21 के बजटीय अनुमान से 34.5 प्रतिशत अधिक है।

सीतारमण ने कहा कि हालांकि, बजटीय प्रावधानों से पूंजी व्यय में वृद्धि के प्रयासों को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा समर्थन दिया जाना है।

उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे पर खर्च सिर्फ केंद्र सरकार का बजटीय खर्च नहीं है और इसमें राज्य सरकारों तथा निजी क्षेत्र द्वारा किया जाने वाला बुनियादी ढांचा खर्च शामिल है। इसमें अतिरिक्त बजटीय संसाधनों के माध्यम से सरकारी व्यय भी शामिल है।

वित्त मंत्री ने कहा कि इसीलिए मंत्रालयों को नये तरीकों से वित्त पोषण के जरिये परियोजनाओं के लिये वित्त की व्यवस्था करने पर सक्रिय रूप से काम करना है और बुनियादी ढांचे के खर्च को बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र को सभी प्रकार की सहायता प्रदान करना है।

उन्होंने मंत्रालयों से यह भी कहा कि वे व्यवहारिक परियोजनाओं के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी की संभावना टटोले।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सोशल मीडिया ‘इंस्टाग्राम’ पर मिली धमकी, पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी, जुटी जांच में

ज़रा हटकेVIDEO: 10 साल बाद मिला खोया बेटा, भावुक होकर रोने लगी मां, देखें वायरल वीडियो

भारतबृहन्मुंबई महानगरपालिका चुनाव: गठबंधन की कोई घोषणा नहीं?, राज-उद्धव ठाकरे में बातचीत जारी, स्थानीय निकाय चुनावों में हार के बाद सदमे में कार्यकर्त्ता?

भारतबिहार में सत्ताधारी दल जदयू के लिए वर्ष 2024–25 रहा फायदेमंद, मिला 18.69 करोड़ रुपये का चंदा, एक वर्ष में हो गई पार्टी की फंडिंग में लगभग 932 प्रतिशत की वृद्धि

भारतबिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी ने कांग्रेस पर बोला तीखा हमला, कहा- कांग्रेस की नीतियां देशहित के खिलाफ

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारक्रिसमस से पहले खुशखबरी, ब्याज दर 7.15 प्रतिशत, 22 दिसंबर 2025 से लागू, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लि ने मीडिल क्लास को दी राहत

कारोबारGold Rate Today: आज सस्ता हुआ सोना, जानें 22 दिसंबर 2025 को दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में सोने की कीमत

कारोबारफॉक्सकॉन ने भारत में महिलाओं द्वारा चलाई जा रही नई आईफोन फैक्ट्री में 30,000 नए कर्मचारियों को दी जॉब्स, जानें औसत मासिक सैलरी

कारोबारनए साल में झटका, 1 जनवरी 2026 से 3,000 रुपये तक की बढ़ोतरी, एथर एनर्जी की घोषणा

कारोबारFree Trade Agreement: ओमान, ब्रिटेन, ईएफटीए देशों, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया और मॉरीशस के बाद न्यूजीलैंड, 95 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क कम, जानें मुक्त व्यापार समझौते के फायदे