नई दिल्ली: गोडफ्रे फिलिप्स के कार्यकारी निदेशक समीर मोदी ने अपनी मां पर इलजाम लगाते हुए कहा कि उन्होंने उन पर हमला कराने की कोशिश की। इस घटना के सामने आने के बाद केके मोदी के 11,000 करोड़ रु के बड़े बिजनेस पर संकट गहरा गया है। इसका जिक्र इकोनॉमिक टाइम्स और कई दूसरी रिपोर्ट में भी हुआ है।
CEO समीर मोदी ने दिल्ली पुलिस को दी शिकायत में दावा किया है कि गुरुवार को एक निर्धारित बोर्ड बैठक में प्रवेश करने की कोशिश की तो गॉडफ्रे फिलिप्स के कुछ निदेशकों और उनकी मां के निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) ने उन्हें "गंभीर चोट" पहुंचाई।
वो फिर कहते हैं कि उन्होंने जैसे ही बैठक में हिस्सा लेने के लिए एंट्री की, वैसे ही बिना मोदी के पीएसओ ने उनपर हमला किया और अंदर घुसने से भी मना किया।
घटना के बारे में सिलसिलेवार तरीक से बताते हुए समीर ने कहा कि जब मैंने जोर दिया, तो उसने मुझे धक्का देने की कोशिश की और कहा कि मुझे बोर्ड बैठक में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि मारपीट किए जाने और उंगली टूटने के बावजूद, वह बैठक में शामिल हुए और बाद में चिकित्सा की मांग की।
हालांकि, गॉडफ्रे फिलिप्स के प्रवक्ता की ओर से कहा गया कि यह पूरी तरह से गलत और बिना तथ्य की बातें हैं और यह पूरा मामला सीसीटीवी में भी कैद हुआ और इसे लेकर कंपनी ने स्पष्ट रुख अपनाते हुए कहा कि कोई भी इसे देख सकता है।
समीर मोदी इस घटना में उन्हें निशाना बनाया गया, यह सबकुछ पहले से रचा गया था और उनपर दबाव बनाया जा रहा था कि कंपनी से वो अपनी हिस्सेदारी बेच दें। इस सबके बीच उनकी मां ने उन्हें पहले भी कंपनी में उनके हिस्सेदारी बेचने की बात उनके सामने रखी थी, लेकिन अब उन्हें साफ कर दिया किया कि वो किसी भी हालत में नहीं बेचने वाले हैं।
अब यह विवाद विरासत को लेकर प्रश्न खड़े करता है, जिसमें गोडफ्रे फिलिप्स के शेयर और मोदी ग्रुप की दूसरी कंपनियों को लेकर भी सस्पेंस बन गया है।
समीर मोदी ने अपनी मां पर उनके पिता द्वारा निष्पादित ट्रस्ट डीड में निर्धारित धन वितरित नहीं करने का भी आरोप लगाया है। विरासत को लेकर कानूनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।