नवंबर में 19.37 प्रतिशत बढ़कर 38.13 अरब अमेरिकी डॉलर निर्यात, आयात 1.88 प्रतिशत घटकर 62.66 अरब अमेरिकी डॉलर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 15, 2025 13:57 IST2025-12-15T13:56:45+5:302025-12-15T13:57:30+5:30
अप्रैल से नवंबर के दौरान कुल निर्यात 2.62 प्रतिशत बढ़कर 292.07 अरब अमेरिकी डॉलर जबकि इन आठ महीनों में आयात 5.59 प्रतिशत बढ़कर 515.21 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।

file photo
नई दिल्लीः देश का निर्यात नवंबर में 19.37 प्रतिशत बढ़कर 38.13 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया और आयात 1.88 प्रतिशत घटकर 62.66 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी मिली। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि नवंबर में हुए निर्यात ने इस वर्ष अक्टूबर में हुए नुकसान की भरपाई कर दी। उन्होंने कहा कि नवंबर में 38.13 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात पिछले 10 वर्ष में सबसे अधिक है। नवंबर में व्यापार घाटा 24.53 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। अप्रैल से नवंबर के दौरान कुल निर्यात 2.62 प्रतिशत बढ़कर 292.07 अरब अमेरिकी डॉलर जबकि इन आठ महीनों में आयात 5.59 प्रतिशत बढ़कर 515.21 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
थोक मुद्रास्फीति में नवंबर में शून्य से नीचे 0.32 प्रतिशत
देश की थोक मुद्रास्फीति नवंबर में शून्य से नीचे 0.32 प्रतिशत रही। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में शून्य से नीचे 1.21 प्रतिशत और नवंबर 2024 में 2.16 प्रतिशत रही थी। उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा कि खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, बुनियादी धातुओं के उत्पादन और बिजली आदि की कीमतों में कमी इसकी मुख्य वजह रही...। डब्ल्यूपीआई के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 4.16 प्रतिशत रही।
जबकि अक्टूबर में यह 8.31 प्रतिशत थी। सब्जियों की महंगाई दर 20.23 प्रतिशत रही जो अक्टूबर में 34.97 प्रतिशत थी। दालों की कीमतों में नवंबर में 15.21 प्रतिशत की कमी आई जबकि आलू तथा प्याज की कीमतें क्रमशः 36.14 प्रतिशत और 64.70 प्रतिशत घटीं। विनिर्मित उत्पादों के मामले में नवंबर में मुद्रास्फीति घटकर 1.33 प्रतिशत हो गई।
जबकि अक्टूबर में यह 1.54 प्रतिशत थी। ईंधन तथा बिजली की कीमतों की महंगाई दर 2.27 प्रतिशत रही जो अक्टूबर में 2.55 प्रतिशत थी। पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण नवंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में मामूली वृद्धि हुई और यह रिकॉर्ड निचले स्तर 0.25 प्रतिशत से बढ़कर 0.71 प्रतिशत हो गई।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) खुदरा मुद्रास्फीति पर नजर रखता है। केंद्रीय बैंक ने इस महीने की शुरुआत में नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.25 प्रतिशत कर दिया था। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि का अनुमान पिछले सप्ताह 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया था। भारत ने जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.2 प्रतिशत और अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी।