ट्रेड यूनियनों का किसानों के 'भारत बंद' को नैतिक समर्थन
By भाषा | Updated: December 7, 2020 22:08 IST2020-12-07T22:08:16+5:302020-12-07T22:08:16+5:30

ट्रेड यूनियनों का किसानों के 'भारत बंद' को नैतिक समर्थन
नयी दिल्ली, सात दिसंबर दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच ने मंगलवार को किसान संगठनों के 'भारत बंद' के आह्वान को अपना नैतिक समर्थन दिया है।
ये यूनियनें हड़ताल पर नहीं जायेंगी और काम से दूर नहीं रहेंगी लेकिन किसानों के आंदोलन का समर्थन करेंगी।
वे ड्यूटी पर रहते हुए, काम के दौरान ‘काला बिल्ला’ लगायेंगे, काम के घंटों के बाद या उसके पहले अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे तथा अपने काम के समय के पहले या बाद में रैलियां निकालेंगे।
यूनियनें हाल ही में पारित श्रम संहिता के साथ-साथ अन्य कानूनों के अलावा कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल पर गये थे।
हिंद मजदूर सभा के महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू ने पीटीआई- भाषा से कहा कि संयुक्त मंच किसानों के आंदोलन को नैतिक समर्थन देगा, लेकिन हड़ताल पर नहीं जाएगा क्योंकि इसके लिए एक नोटिस दिया जाना आवश्यक होता है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के सदस्य काला बिल्ला लगायेंगे, शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करेंगे और अपने काम के बाद या उससे पहले रैलियां करेंगे। इसलिए, काम प्रभावित नहीं होगा।
दस केंद्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों में- इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेन्टर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (एसईडब्ल्यूए), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एक्टू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) शामिल हैं।
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र क्षेत्रीय महासंघों / एसोसिएशनों के संयुक्त मंच ने शनिवार को जारी एक संयुक्त बयान में इस बात को दोहराया कि किसानों के हितों के खिलाफ हाल में पारित किये गये कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग कर रहे किसानों के चल रहे एकजुट संघर्ष को उनका ‘तहे-दिल’ से समर्थन है।
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