इक्विटी म्यूचुअल फंड को अगस्त में मिला 8,666 करोड़ रुपये का निवेश
By भाषा | Updated: September 8, 2021 17:10 IST2021-09-08T17:10:35+5:302021-09-08T17:10:35+5:30

इक्विटी म्यूचुअल फंड को अगस्त में मिला 8,666 करोड़ रुपये का निवेश
नयी दिल्ली, आठ सितंबर शेयर बाजारों में तेजी के बीच नई कोष पेशकशों (एनएफओ) में मजबूत प्रवाह तथा एसआईपी में स्थिरता के बीच इक्विटी म्यूचुअल फंड (एमएफ) में अगस्त में 8,666 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया। यह लगातार छठा महीना है कि जबकि इक्विटी एमएफ में निवेश का प्रवाह सकारात्मक रहा है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले जुलाई में इन कोषों में 22,583 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया था।
इक्विटी योजनाओं में जून में शुद्ध रूप से 5,988 करोड़ रुपये, मई में 10,083 करोड़ रुपये, अप्रैल में 3,437 करोड़ रुपये और मार्च में 9,115 करोड़ रुपये का निवेश आया था।
इससे पहले जुलाई, 2020 से फरवरी, 2021 तक इक्विटी योजनाओं से लगातार निकासी हुई थी।
इस निवेश से अगस्त के अंत तक म्यूचुअल फंड उद्योग के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) बढ़कर 36.6 लाख करोड़ रुपये के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गईं। जुलाई अंत तक यह 35.32 लाख करोड़ रुप़ये थीं।
आंकड़ों के अनुसार इक्विटी और इक्विटी से जुड़ी ओपन एंडेड योजनाओं में अगस्त में 8,666.68 करोड़ रुपये का निवेश आया।
एम्फी के मुख्य कार्यकारी एन एस वेंकटेश ने कहा कि कुल मिलाकर सतत् खुली म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश का प्रवाह सकारात्मक रहा है। इससे उद्योग का शुद्ध एयूएम अगस्त में 36 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
मॉर्निंगस्टार इंडिया की वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक शोध कविता कृष्णन ने कहा कि एनएफओ में रिकॉर्ड प्रवाह तथा सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) में स्थिरता ने मुख्य रूप से इक्विटी में प्रवाह में योगदान दिया।
माईवेल्थग्रोथ.कॉम के सह-संस्थापक हर्षद चेतनवाला ने कहा कि उद्योग में निवेश का प्रवाह अगस्त में भी सकारात्मक रहा। निवेशकों ने इस दौरान इक्विटी आधारित एनएफओ में 6,863 करोड़ रुपये का निवेश किया।
फंड्सइंडिया में शोध प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि कुछ निवेशक जो बाहर हो गये थे और नजर टिकाये हुये थे, धीरे धीरे वापस आने लगे हैं। यह रुख एनएफओ की रिकार्ड प्राप्ति में भी दिखाई दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी लहर कमजोर पड़ने, टीकाकरण की गति बढ़ने, पिछले दिनों में शेयर बाजार में तेजी का रुझान और दूसरी लहर के बावजूद बाजार में स्थिरता बने रहने से निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।