Enemy Property 2024: सरकार ने 84 कंपनियों के 2,91,536 शेयर बेचने का प्रस्ताव रखा, आखिर क्या है ‘शत्रु संपत्ति’, आखिर क्या है योजना

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 11, 2024 05:11 PM2024-01-11T17:11:47+5:302024-01-11T17:12:47+5:30

Enemy Property 2024: 10 श्रेणियों के खरीदारों से आठ फरवरी तक बोलियां आमंत्रित की हैं, जिनमें व्यक्तिगत लोग, एनआरआई, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), पात्र संस्थागत खरीदार (क्यूआईबी), न्यास और कंपनियां शामिल हैं।

Enemy Property 2024 pakistan china modi Government proposed to sell 291536 shares of 84 companies what is 'enemy property' what plan after all | Enemy Property 2024: सरकार ने 84 कंपनियों के 2,91,536 शेयर बेचने का प्रस्ताव रखा, आखिर क्या है ‘शत्रु संपत्ति’, आखिर क्या है योजना

Enemy Property 2024: सरकार ने 84 कंपनियों के 2,91,536 शेयर बेचने का प्रस्ताव रखा, आखिर क्या है ‘शत्रु संपत्ति’, आखिर क्या है योजना

Highlightsपहली किस्त में सरकार 20 कंपनियों में करीब 1.88 लाख शेयर बेचने पर विचार कर रही है।पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने वाले (ज्यादातर 1947 और 1962 के बीच) लोगों द्वारा छोड़ी गई संपत्ति को ‘शत्रु संपत्ति’ कहा जाता है।आरक्षित मूल्य की जानकारी संभावित बोलीदाताओं को नहीं दी जाएगी।

Enemy Property 2024: सरकार 84 कंपनियों में 2.91 लाख से अधिक ‘शत्रु संपत्ति’ शेयरों को लोगों और कॉरपोरेट को किस्तों में बेचने की योजना बना रही है। सरकार का इरादा पाकिस्तान और चीन जाने वाले व्यक्तियों की संपत्ति का निपटान करना है। एक सार्वजनिक नोटिस के अनुसार, पहली किस्त में सरकार 20 कंपनियों में करीब 1.88 लाख शेयर बेचने पर विचार कर रही है।

उसने 10 श्रेणियों के खरीदारों से आठ फरवरी तक बोलियां आमंत्रित की हैं, जिनमें व्यक्तिगत लोग, एनआरआई, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), पात्र संस्थागत खरीदार (क्यूआईबी), न्यास और कंपनियां शामिल हैं। पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने वाले (ज्यादातर 1947 और 1962 के बीच) लोगों द्वारा छोड़ी गई संपत्ति को ‘शत्रु संपत्ति’ कहा जाता है।

प्रस्तावित शेयर बिक्री देश में ‘शत्रु संपत्ति’ के निपटान की सरकार की पहल का हिस्सा है। खरीदारों को उन शेयरों के लिए बोली लगानी होगी जिन्हें वे खरीदना चाहते हैं और सरकार द्वारा निर्धारित आरक्षित मूल्य से नीचे उद्धृत किसी भी बोली को अस्वीकार कर दिया जाएगा। आरक्षित मूल्य की जानकारी संभावित बोलीदाताओं को नहीं दी जाएगी।

भारत के शत्रु संपत्तियों के संरक्षक (सीईपीआई) के पास 84 कंपनियों के 2,91,536 शेयर हैं। सार्वजनिक नोटिस में, निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने कहा, ‘‘ भारत सरकार ने 84 कंपनियों के 2,91,536 शेयर बेचने का प्रस्ताव रखा है।’’ इसमें चुनिंदा 20 कंपनियों और 1,87,887 शेयरों के नाम भी सूचीबद्ध किए गए हैं जिन्हें विनिवेश करने का प्रस्ताव है।

दीपम के अनुसार, इच्छुक खरीदारों को अपनी बोलियां जमा करनी होंगी, जिसमें एक निर्दिष्ट फॉर्म में उन कंपनियों के शेयरों की संख्या और संबंधित शेयरों के लिए बोली मूल्य की जानकारी देनी होगी। सरकार इनमें से प्रत्येक कंपनी के शेयरों के लिए एक आरक्षित मूल्य तय करेगी जिसका खुलासा नहीं किया जाएगा।

आरक्षित मूल्य से कम मूल्य पर प्रस्तुत मूल्य बोलियां खारिज कर दी जाएंगी। दीपम ने कहा, ‘‘ भारत सरकार की मंजूरी पर मूल्य प्राथमिकता के आधार पर वैध बोली जमा करने वाले पात्र बोलीदाताओं को शेयर आवंटित किए जाएंगे।’’ सीईपीआई के तहत शत्रु शेयरों के निपटान की प्रक्रिया और तंत्र को आठ नवंबर, 2018 को केंद्रीय मंत्रमिंडल ने मंजूरी दी थी।

एसबीआई कैपिटल मार्केट्स को सीईपीआई द्वारा रखे गए शेयरों की बिक्री के लिए मर्चेंट बैंकर और सेलिंग ब्रोकर के रूप में नियुक्त किया गया है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने पिछले महीने संसद को सूचित किया था कि देश में शत्रु संपत्तियों के निपटान की पहल के तहत सरकार द्वारा 2,709 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे गए हैं। ऐसे शेयरों की बिक्री एक उच्चस्तरीय समिति की सिफारिश पर की जाती है जो मात्रा और मूल्य स्तर का सुझाव देती है। शत्रु संपत्ति की बिक्री या निपटान से प्राप्त आय भारत के समेकित कोष में जमा की जाती है

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