खाद्य तेलों में मजबूती बरकरार, सरसों की आवक बढ़ी, मिलों का उठाव तेज

By भाषा | Updated: March 16, 2021 19:53 IST2021-03-16T19:53:40+5:302021-03-16T19:53:40+5:30

Edible oils remain strong, mustard arrivals increased, mills lift up | खाद्य तेलों में मजबूती बरकरार, सरसों की आवक बढ़ी, मिलों का उठाव तेज

खाद्य तेलों में मजबूती बरकरार, सरसों की आवक बढ़ी, मिलों का उठाव तेज

नयी दिल्ली, 16 मार्च स्थानीय तेल तिलहन बाजार में मंगलवार को तिलहन और खाद्य तेलों के दाम उच्चस्तर पर बरकरार रहे। निर्यात मांग जारी बनी रहने से मूंगफली तेल 250 रुपये क्विंटल बढ़ गया, वहीं सोयाबीन की तेल रहित खल की निर्यात मांग से सोयाबीन में भी जोरदार मजबूती रही।

बाजार सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश की मंडिया में दस लाख से अधिक बोरी सरसों की आवक हो रही है। भाव समर्थन मूल्य से ऊंपर चल रहा है और मिल वाले पूरा माल उठा रहे हैं। जानकारों के अनुसार 35 साल बाद ऐसा मौका आया है जब राजस्थान की सभी मिलों में सरसों की पिराई हो रही है। सरसों तेल के प्रति उपभोक्ताओं की जागरुकता बढ़ी है। स्वास्थ्य के लिहाज से इसे पामोलिन जैसे हार्ड तेलों के मुकाबले बेहतर माना गया है। कोरोना काल के दौरान देशी उत्पादों को काफी पसंद किया गया।

सूत्रों का कहना है कि चीन में मूंगफली तेल की अच्छी मांग है यही वजह है कि थोक में मूंगफली मिल डिलीवरी भाव 250 रुपये बढ़कर 15,500 रुपये क्विंटल हो गया। मूंगफली तिलहन भी 50 रुपये बढ़ गई। सरसों तेल दादरी मिल डिलीवरी भाव 13,200 रुपये क्विंटल पर मजबूत रहा। नई आवक का दबाव होने से भाव ऊंचे नहीं उठ रहे हैं वहीं विदेशों में भी खाद्य तेलों के भाव ऊंचे बोले जा रहे हैं हालांकि, मलेशिया में आज बाजार तीन प्रतिशत टूटा है।

अर्जेंटीना और उक्रेन में इस बार सूरजमुखी की फसल को काफी नुकसान होने के समाचार है। विदेशी मंडियों में पिछले छह माह के दौरान सूरजमुखी तेल का भाव 900 डालर से बढ़कर 1,750 डालर प्रति टन पर पहुंच चुका है। इधर, सोयाबीन की तेल रहित खल (डीओसी) की निर्यात मांग भी अच्छी चल रही है। इसलिये सोयाबीन तेल लगातार ऊंचा बना हुआ है।

तेल तिलहन कारोबार के जानकार देश में तेल- तिलहन बाजार की मौजूदा स्थिति को बेहतर बता रहे हैं। किसानों को तिलहन के दाम उनके न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊंचे मिल रहे हैं। बंद पड़ी तेल मिलें चालू हुई हैं और उनमें रोजगार के अवसर बढ़े हैं। उनका मानना है कि तेल- तिलहन के मामले में आत्मनिभर्र होने और किसानों को तिलहन फसल के लिये प्रोत्साहित करने के वास्ते यह जरूरी है कि विदेशी बाजारों की घटबढ़ से घरेलू बाजार की रक्षा की जाये। विदेशों में खाद्य तेलों का बाजार यदि टूटता है तो घरेलू बाजार में इसका तुरंत असर दिखता है और दाम एमएसपी से नीचे चले जाते हैं। इस स्थिति से तिलहन किसानों को सुरक्षा देने की जरूरत है तभी किसान तिलहन उत्पादन बढ़ाने को प्रोत्साहित होंगे।

पिछले तेल वर्ष (नवंबर से अक्टूबर) में जहां विदेशों से 85,000 करोड़ रुपये का खाद्य तेल आयात किया गया वहीं इस तेल वर्ष में यह आंकड़ा सवा लाख करोड़ रुपये से ऊपर निकलने का अनुमान है। विदेशों में भाव टूटने से आयात बढ़ने लगता है और घरेलू तिलहन बाजार में मायूसी छा जाती है। इस समय विदेशों में भाव ऊंचे हैं तो घरेलू तिलहन और तेल उद्योग में भी उत्साह है। इस उत्साह को कैसे बनाये रखना है तो सरकार के नीति नियंताओं को इस स्थिति को समझना होगा।

सरकार के वरिष्ठ मंत्री गडकरी का कहना है कि गेहूं, चावल से सरकार के गोदाम अटे पड़े हैं, खराब होने की नौबत आ रही है लेकिन खाद्य तेलों के लिये हम आयात पर निर्भर हैं, इस स्थिति को बदलने की आवश्यकता है।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 5,970 - 6,020 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 6,315- 6,380 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,500 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,495- 2,555 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,200 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,075 -2,165 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,205 - 2,320 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 14,000 - 17,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,100 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,600 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,700 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,550 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,700 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,450 रुपये।

पामोलिन कांडला 12,450 (बिना जीएसटी के)

सोयाबीन दाना 5,650 - 5,700 रुपये: सोयाबीन लूज 5,500- 5,550 रुपये

मक्का खल 3,575 रुपये।

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Web Title: Edible oils remain strong, mustard arrivals increased, mills lift up

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