Byjus Crisis: ईडी ने बायजू रवींद्रन के खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस को किया रिन्यू, फेमा आरोप कसा एड-टेक फर्म के संस्थापक पर शिकंजा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: February 22, 2024 10:55 IST2024-02-22T10:50:21+5:302024-02-22T10:55:10+5:30
ईडी ने एड-टेक फर्म बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन के खिलाफ जारी किये गये लुकआउट सर्कुलर को आगे बढ़ाने का फैसला करते हुए उसे रिन्यू कर दिया है।

फाइल फोटो
नई दिल्ली:प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एड-टेक फर्म बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन के खिलाफ अपनी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) जांच के लिए जारी किये गये लुकआउट सर्कुलर को आगे बढ़ाने का फैसला करते हुए उसे रिन्यू कर दिया है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार एलओसी (लुकआउट सर्कुलर), उन लोगों के खिलाफ जारी किया जाता है, जिनके खिलाफ सरकार की एजेंसियां जांच कर रही होती हैं। ये एलओसी देश में प्रवेश और निकास करने वाले बिंदुओं पर जारी किया जाता है। रवींद्रन के खिलाफ पहली बार साल 2023 में एलओसी जारी किया गया था जब ईडी ने बायजू में हुए कथित वित्तिय अनियमितताओं की जांच शुरू की थी।
रवींद्रन के खिलाफ जारी एलओसी को रिन्यू किये जाने के संबंध में ईडी अधिकारियों ने कहा कि एलओसी को इस महीने की शुरुआत में इस प्रावधान के साथ रिन्यू किया गया है कि रवींद्रन के देश छोड़ने के बारे में ईडी को सूचित किया जाना चाहिए। एजेंसी की जानकारी के अनुसार रवींद्रन मौजूदा समय में भारत से बाहर हैं।
वित्तीय अपराधों की जांच करने वाली केंद्रीय एजेंसी ईडी ने आरोप लगाया है कि थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड चलाने वाले बायजू रवींद्रन ने भारत के विदेशी मुद्रा कानून का उल्लंघन किया है, जिसके कारण सरकारी खजाने को 9,362 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
ईडी के मुताबिक थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और बायजू रवीन्द्रन ने भारत के बाहर किए गए व्यवसाय निर्यात के आय संबंधी दस्तावेज को उपलब्ध कराने में असफल रहे हैं, जो फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) के प्रावधानों का उल्लंघन है।
फेमा, 1999 की धारा 16 की उप-धारा (3) के तहत ईडी द्वारा दायर शिकायत के आधार पर थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और बायजू रवींद्रन को कारण बताओ नोटिस जारी किया और फेमा, 1999 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹9362.35 करोड़ की राशि का जुर्माना लगाया गया।
ईडी की जांच बायजू द्वारा प्राप्त विदेशी निवेश और उसके कारोबार के संचालन के तरीके में मिली विभिन्न शिकायतों पर आधारित है। अप्रैल 2023 में बायजू पर छापेमारी के बाद ईडी ने एक बयान जारी करते हुए दावा किया था कि बायजू पर फ़ेमा सर्च से पता चला है कि कंपनी को 2011 से 2023 तक लगभग 28,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है।
2011 में बायजू रवींद्रन द्वारा स्थापित एक कोचिंग फर्म में कोविड-19 की महामारी के दौरान भारी उछाल देखा गया था। बायजू आकाश एजुकेशनल सर्विसेज का भी मालिक है, जो मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं के लिए प्रतियोगियों को पाठ्यक्रम प्रदान करता है।