Razorpay, Paytm और Cashfree के दफ्तरों पर ईडी का छापा, चीनी लोन ऐप से जुड़े मामले में हुई कार्रवाई
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 3, 2022 04:34 PM2022-09-03T16:34:19+5:302022-09-03T16:39:20+5:30
ईडी ने ऑनलाइन पेमेंट गेटवे सेवा देने वाली Razorpay, Paytm और Cashfree के बेंगलुरु स्थित दफ्तरों पर शुक्रवार को एक साथ छापेमारी की, जो अभी तक जारी है।
दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने Razorpay, Paytm और Cashfree के दफ्तरों पर जबरदस्त छापेमारी की है। जानकारी के मुताबिक ईडी की यह व्यापक कार्रवाई चाइनीज लोन ऐप से जुड़े मामले में की गई है। ईडी ने भारत में प्रयोग होने वाली ऑनलाइन पेमेंट गेटवे Razorpay, Paytm, Cashfree के बेंगलुरु स्थित दफ्तरों पर छापेमारी की है।
ईडी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को इन ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के छह परिसरों में एक साथ छापेमारी शुरू की गई और यह तलाशी अभियान अब भी जारी है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक ईडी ने छापेमारी के दौरान इन आनलाइन गेटवे में चीनी नियंत्रित संस्थाओं के रखे गए 17 करोड़ रुपये को भी जब्त किया है।
ईडी के मुताबिक चीन की यह संस्थाएं भारत में व्यावसायिक काम के लिए भारतीय लोगों के जाली दस्तावेजों का उपयोग करते हैं और फर्जी तरीक से भारतीय लोगों को डमी निदेशक बनाते हैं जबकि असल में इन संस्थाओं को चीन के व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित या फिर संचालित किया जाता है।
इसके साथ ही ईडी का यह भी आरोप है कि चीनी संस्थाएं अलग-अलग मर्चेंट आईडी, पेमेंट गेटवे या बैंक खातों के माध्यम से अपना संदिग्ध लेनदेन या अवैध व्यवसाय कर रही थीं। ईडी ने बेंगलुरु के साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई 18 एफआईआर के आधार पर Razorpay, Paytm और Cashfree के दफ्तरों पर छापेमारी की है।
सूचना के अनुसार यह एफआईआर कई संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई हैं। जिसमें उन संस्थाओं या व्यक्तियों पर आरोप है कि मोबाइल ऐप के माध्यम से छोटी राशि का लोन लेने वाले लोगों से जबरन वसूली की जाती है और उनका आर्थिक उत्पीड़न किया जाता है।
ईडी ने बताया कि मोबाइल ऐप के जरिये हो रहे लोन के फर्जीवाड़े को बेनकाब करने के लिए Razorpay, Paytm और Cashfree के परिसरों पर छापेमारी की गई है। एजेंसी छापेमारी के जरिये यह पता लगाना चाहती है कि चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित या संचालित संस्थाओं की इन कंपनियों में किस तरह की भागीदारी है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)