नई दिल्ली, 11 जुलाईः प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश 2018' के तहत 2 अलग-अलग आवेदन दायर किए हैं। साथ ही साथ ईडी ने भारत, ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात में उनकी संपत्ति जब्त करने के आदेश की मांग है।
इधर, गीतांजलि जेम्स के प्रवर्तक मेहुल चौकसी ने अपने खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) को रद्द करने के लिए एक विशेष अदालत में अपील की है, जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा और 23 जुलाई को बहस के लिए समय तय किया गया। मेहुल पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के हजारों करोड़ रुपये के घोटाले में आरोपी हैं।
सीबीआई ने 31 जनवरी को नीरव मोदी के खिलाफ और 15 फरवरी को मेहुल चौकसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जनवरी में सीबीआई द्वारा केस दर्ज करने से पहले ही देश छोड़कर जा चुके थे। बताया गया है कि लोन देने से पहले कंपनियों को एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोविंग फॉर्म भरना होता है जोकि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को दिए गए लोन के लिए नहीं भरे गए थे।
सीबीआई नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी है, लेकिन दोनों ने भारत आने से इनकार कर दिया है। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने अपने वकीलों को माध्यम से सीबीआई को जवाब भेजकर कहा कि वो अभी देश वापस नहीं आ सकते। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने भारतीय मीडिया पर पूरे मामले को बढ़ाचढ़ा कर दिखाने का भी आरोप लगाया। वहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का पासपोर्ट रद्द कर दिया।