अर्थव्यवस्था पकड़ने लगी है रफ्तार, उद्योगों को बढ़ानी होगी जोखिम उठाने की क्षमता: मोदी

By भाषा | Updated: August 11, 2021 20:37 IST2021-08-11T20:37:25+5:302021-08-11T20:37:25+5:30

Economy is gaining momentum, industries will have to increase risk appetite: Modi | अर्थव्यवस्था पकड़ने लगी है रफ्तार, उद्योगों को बढ़ानी होगी जोखिम उठाने की क्षमता: मोदी

अर्थव्यवस्था पकड़ने लगी है रफ्तार, उद्योगों को बढ़ानी होगी जोखिम उठाने की क्षमता: मोदी

नयी दिल्ली, 11 अगस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था एक बार फिर से रफ्तार पकड़ने लगी है ऐसे में उद्योगों को अपनी जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है।

उद्योग मंडल सीआईआई की सालाना बैठक को वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार मजबूरी में सुधारों को नहीं बढ़ा रही है बल्कि मजबूती और विश्वास के साथ सुधारों को आगे बढ़ा रही है और राष्ट्र हित में कोई भी जोखिम उठाने को तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने कड़े निर्णय किये हैं। महामारी के दौरान भी सुधार जारी रहे। सरकार विवशता के कारण नहीं बल्कि मजबूती और विश्वास के साथ सुधारों को आगे बढ़ा रही है।’’

प्रधानमंत्री ने उद्योग को हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि पिछले कुछ साल में किये गये सुधारों से देश में रिकार्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आ रहा है।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता का बहुत बड़ा दायित्व, भारतीय उद्योगों पर है। उन्होंने उद्योग से कहा कि भारत के विकास और क्षमता को लेकर जो भरोसे का माहौल बना है, उन्हें उसका पूरा लाभ उठाना चाहिये।

मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में सरकार की सोच, रुख और काम करने के तरीके समेत विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। ‘‘आज का नया भारत, नई दुनिया के साथ चलने के लिए तैयार है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जो भारत कभी विदेशी निवेश को लेकर आशंकित था, आज वो हर प्रकार के निवेश का स्वागत कर रहा है। जिस भारत की कर से जुड़ी नीतियों से कभी निवेशकों में निराशा फैल जाती थी, आज उसी भारत में दुनिया का सबसे प्रतिस्पर्धी कंपनी कर और बिना आमना-सामना वाली कर प्रणाली (फेसलेस टैक्स सिस्टम) भी है।’’

उन्होंने कहा कि जहां सालों साल तक श्रमिकों को, उद्योगों को सैकड़ों कानूनों के जाल में उलझाए रखा गया, वहीं आज दर्जनों श्रम कानून चार श्रम संहिताओं में समाहित हो चुके हैं। जहां कभी कृषि को सिर्फ गुजारे का माध्यम माना जाता था, वहीं अब कृषि में ऐतिहासिक सुधारों के जरिए भारतीय किसानों को देश-विदेश के बाजार से सीधे जोड़ने का प्रयास हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इन्हीं सब प्रयासों का नतीजा है कि आज भारत में रिकार्ड एफडीआई भी आ रहा है और एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) में भी नए रिकार्ड बन रहे हैं। आज देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक समय था जब हमें लगता था कि जो कुछ भी विदेशी है, वही बेहतर है। इस मनोविज्ञान का परिणाम क्या हुआ, ये आप जैसे उद्योग के दिग्गज भलीभांति समझते हैं। हमारे अपने ब्रांड भी, जो हमने सालों की मेहनत के बाद खड़े किए थे, उनको विदेशी नामों से ही प्रचारित किया जाता था।’’

‘‘लेकिन आज स्थिति तेजी से बदल रही है। आज देशवासियों की भावना, भारत में बने उत्पादों के साथ है। कंपनी भारतीय हो, ये जरूरी नहीं, लेकिन आज हर भारतीय, भारत में बने उत्पादों को अपनाना चाहता है।’’

उन्होंने कहा ‘‘देश में हर क्षेत्र में भरोसा बढ़ रहा है। इसी प्रकार का आत्मविश्वास आज भारत के स्टार्टअप में है। आज यूनिकार्न नए भारत की पहचान भी बन रहे हैं। सात-आठ साल पहले भारत में 3-4 यूनिकार्न रहे होंगे। आज भारत में करीब-करीब 60 यूनिकार्न हैं। इनमें से 21 यूनिकार्न तो बीते कुछ महीनों में ही बने हैं।’’

यूनिकार्न से आशय एक अरब डॉलर के मूल्यांकन वाले स्टार्टअप से है।

मोदी ने कहा, ‘‘निवेशकों की तरफ से भी भारतीय स्टार्टअप के लिये शानदार प्रतिक्रियाएं देखने को मिली है। स्टार्टअप की रिकार्ड सूचीबद्धता भारतीय कंपनियों और भारतीय बाजार के लिए एक नए युग की शुरुआत है। यह बताता है कि भारत में वृद्धि के असाधारण अवसर और गुंजाइश उपलब्ध हैं।’’

संसद के मानसून सत्र के दौरान उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान फैक्टरिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक और जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम संशोधन विधेयक जैसे विधेयकों को पारित किया गया है। ये उपाय सरकार के प्रयासों को समर्थन देंगे।

उन्होंने कहा कि अतीत की गलतियों को सुधारते हुए सरकार ने पूर्व तिथि से कर लगाने का प्रावधान समाप्त कर दिया। इससे सरकार और उद्योग के बीच भरोसा बढ़ेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देश में वो सरकार है जो राष्ट्र हित में बड़े से बड़ा जोखिम उठाने के लिए तैयार है... जीएसटी इतने साल तक अटका रहा क्योंकि जो पूर्व की सरकारें थीं वह राजनीतिक जोखिम लेने का साहस नहीं दिखा पायी... हमने ना सिर्फ जीएसटी (माल एवं सेवा) लागू किया बल्कि आज हम रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह भी देख रहे हैं।

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Web Title: Economy is gaining momentum, industries will have to increase risk appetite: Modi

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