लाइव न्यूज़ :

अर्थशास्त्री का दावा, 20 रुपया तक घटाया जा सकता है पेट्रोल-डीजल की कीमत, सरकार को लेना होगा ये बड़ा फैसला

By अनुराग आनंद | Updated: March 5, 2021 10:01 IST

भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों पर केंद्र सरकार व राज्य सरकार की तरफ से दुनिया के किसी दूसरे देशों की तुलना में सबसे अधिक टैक्स लिए जाते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देएक्सपर्ट का दावा, अगर सरकार ईंधन को गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के दायरे में लाती है तो बात बन सकती है।स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समूह की मुख्य आर्थिक सलाहकार सोम्या कांति घोष के नेतृत्व में एक रिसर्च दल ने ऐसा दावा किया है।

मुंबई: पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर दिन नई ऊंचाई को छू रही हैं। कुछ जगहों पर पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर तो डीजल की कीमत भी आसमान छू रही है।

इस मामले में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का कहना है कि वह तेल उत्पादक देशों से कच्चे तेल की कीमतों को कम करने के लिए बात कर रही है, लेकिन कीमतों में कमी को लेकर कोई बात नहीं बन पा रही है। सरकार ने माना है कि कीमतों में वृद्धि की वजह से आम आदमी को परेशान होना पड़ रहा है।

डीएनए के मुताबिक, एसबीआई के एक अर्थशास्त्री ने दावा किया है कि अगर सरकार ईंधन को गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के दायरे में लाती है तो पेट्रोल की कीमत में 20 रुपये लीटर तक की कमी आ सकती है। ECOWRAP के नए संस्करण में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समूह की मुख्य आर्थिक सलाहकार सोम्या कांति घोष के नेतृत्व में एक रिसर्च दल ने ऐसा दावा किया है।

पूरी टीम के साथ रिसर्च के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समूह की मुख्य आर्थिक सलाहकार ने रिपोर्ट में कहा है कि पेट्रोल की दरों को 75 रुपये प्रति लीटर तक कम किया जा सकता है और साथ ही जीएसटी व्यवस्था के तहत डीजल 68 रुपये प्रति लीटर तक हो सकता है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी प्रणाली को लागू करते समय कहा गया था कि पेट्रोल, डीजल को भी इसके दायरे में लाया जाना चाहिए, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। इस नई कर प्रणाली के तहत पेट्रोल और डीजल को लाने पर उनकी कीमत में काफी कमी आ सकती है।

SBI आर्थिक सलाहकार का दावा राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी से पेट्रोल का भाव बढ़ रहा है-

इस समय भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों पर केंद्रीय और राज्य स्तर के करों के अलावा टैक्स-ऑन-टैक्स पूरे विश्व में उच्चतम स्तर पर है। जीएसटी के तहत ईंधन लाने से केंद्र और राज्य सरकारों को एक लाख करोड़ रुपये का राजस्व कम होगा, जो कि जीडीपी का 0.4 प्रतिशत है। इस रिसर्च को करने के समय विशेषज्ञों ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल ( यहां एक डॉलर = 73 रुपये) माना है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और सभी राज्यों की सरकारें कच्चे तेल के उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि पेट्रोलियम उत्पादों के बिक्री पर कर, वैट आदि लगाना उनके लिए राजस्व का एक बड़ा स्रोत है। इस प्रकार, इस मामले में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है, इसलिए कच्चे तेल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जा सका है। 

एक्सपर्ट ने अपने रिपोर्ट में पेट्रोल-डीजल की कीमत को कम करने के बारे में ये कहा-

रिसर्च में जिन बातों का ध्यान रखकर कीमत पर विचार किया गया है, उनमें कच्चे तेल की कीमत और डॉलर विनिमय दर के अलावा, डीजल के लिए परिवहन किराया 7.25 रुपये और पेट्रोल के लिए 3.82 रुपये प्रति लीटर आदि को ध्यान रखा गया है। इसके अलावा, डीलर का कमीशन डीजल के मामले में 2.53 रुपये और पेट्रोल के मामले में 3.67 रुपये है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पेट्रोल पर 30 रुपया प्रति लीटर सेस टैक्स व डीजल पर 20 रुपया प्रति लीटर सेस टैक्स लगाया जा सकता है। इसके साथ ही ईंधन पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाकर इसका केंद्र व राज्यों के बीच बंटवारा किया जा सकता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इससे बड़े पैमाने पर सरकारों के टैक्स में कमी भी नहीं आने की संभावना है। 

टॅग्स :पेट्रोलपेट्रोल का भावनरेंद्र मोदीस्टेट बैंक ऑफ इंडिया
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

कारोबारPetrol, Diesel Price Today: कच्चे तेल के दामों में उतार-चढ़ाव, जानें ईंधन पर इसका क्या असर; प्राइस लिस्ट यहां

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

कारोबार अधिक खबरें

कारोबार6 दिसंबर से लागू, कर्ज सस्ता, कार और घर खरीदेने वाले को राहत, रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती

कारोबार500 किमी तक की उड़ान के लिए किराया 7,500, 500-1,000 किमी के लिए टिकट की कीमत 12,000 रुपये तय, जानें रेट लिस्ट

कारोबारIndiGo Crisis: 1000 से अधिक विमान कैंसिल?, रेलवे ने यात्रियों को दी बड़ी राहत, कई स्पेशल ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी, जानिए टाइम टेबल

कारोबारईपीसी क्षेत्रः 2030 तक 2.5 करोड़ से अधिक नौकरी?, 2020 के बाद से भर्ती मांग में 51 प्रतिशत की वृद्धि

कारोबारIndiGo Crisis: हवाई किराए मनमानी पर सख्ती, केंद्र सरकार का एक्शन, सभी रूट पर कैप?