नयी दिल्ली, 30 नवंबर मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमण्यम ने मंगलवार को भरोसा जताया कि नीतिगत उपायों एवं जारी सुधारों के दम पर चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर दहाई अंक में रहेगी।
इसके साथ ही उन्होंने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को 6.8 प्रतिशत तक सीमित रखने के लक्ष्य को हासिल कर लेने की उम्मीद भी जताई।
सुब्रमण्यम ने संवाददाताओं से कहा कि कई कारकों से आर्थिक वृद्धि को मजबूती मिल रही है। उन्होंने कहा, "भारत की वृद्धि दर इस साल दहाई अंक में रहने की संभावना है। पहली छमाही में इसकी कुल वृद्धि दर 13.7 प्रतिशत रही है। अगर आने वाली तिमाहियों में यह छह प्रतिशत से थोड़ी भी अधिक रहती है तो इस साल दहाई अंक की वृद्धि रहनी चाहिए।"
नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जुलाई-सितंबर 2021 की अवधि में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही और अर्थव्यवस्था कोविड-पूर्व के स्तर से आगे निकल गई।
इस साल जनवरी में जारी आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वृद्धि का अनुमान 11 प्रतिशत रखा गया था।
सुब्रमण्यम के मुताबिक, आर्थिक वृद्धि का सिलसिला आगे भी कायम रहने की संभावना है। उन्होंने वर्ष 2022-23 में वृद्धि दर के 6.5-7 फीसदी रहने और उसके बाद भी तेजी का दौर बने रहने की उम्मीद जताई।
उन्होंने कहा कि दूसरी पीढ़ी के सुधारों की मदद से इस दशक में भारत की वृद्धि दर सात प्रतिशत से अधिक रह सकती है।
कोरोनावायरस के नए स्वरूप ओमीक्रेान के संभावित असर को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि अभी इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा, "हम सभी संक्रमण फैलाने की इसकी क्षमता के बारे में पुख्ता सबूतों का इंतजार कर रहे हैं।"
राजकोषीय घाटे के बारे में ससुब्रमण्यम ने उम्मीद जताई कि देश चालू वित्त वर्ष में इसे जीडीपी के 6.8 प्रतिशत पर सीमित रखने के लक्ष्य को हासिल कर लेगा।
उन्होंने कहा, "इस समय पूरे विश्वास से यह कह सकता हूं कि हमें इस लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहना चाहिए। विनिवेश के मोर्चे पर कोई कमी रहने पर भी कर संग्रह से मदद मिलेगी।
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