भारत और तुर्की के साथ व्यापार को तरजीह देने के विशेष दर्जे को अमेरिका जल्द ही छीन सकता है। न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव) रॉबर्ट लाइटजर ने यह घोषणा की है। अमेरिका अगर यह कदम उठाता तो डोनाल्ड ट्रंप के 2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और नरेंद्र मोदी सरकार के लिए यह बड़ा झटका साबित हो सकता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (यूएसटीआर) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि भारत और तुर्की दोनों ही देश अमेरिका की व्यापार में प्राथमिकता के तहत आने वाले जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रिफरेंसेस (जीएसपी) के लिए जरूरी मानदंडों पर अभी खड़ा नहीं उतर रहे हैं।
यूएसटीआर ने साथ ही कहा कि भारत इस बात का आश्वासन देने में नाकाम रहा है कि वह पर्याप्त बाजार उपलब्ध करा सकेगा। वहीं, तुर्की आर्थिक तौर पर समूचित रूप से विकसित हो चुका है और इसलिए यह भी इसके लिए अब योग्य नहीं रह गया है।
वहीं, डोनाल्ड ट्रंप की ओर से अमेरिकी संसद कांग्रेस के लिए जारी बयान में कहा गया, 'मैं यह कदम उठा रहा हूं क्योंकि अमेरिका और भारत सरकार के बीच कई बार बातचीत के बावजूद, मुझे लगता है कि भारत ने यह सुनिश्चित नहीं किया है कि वह अमेरिका को भारत के बाजार में पर्याप्त पहुंच में सहयोग देने वाला है।'
बता दें कि अमेरिकी के जीएसपी प्रोग्राम के तहत चुनिंदा देशों के 'कुछ उत्पाद' अमेरिका में ड्यूटी-फ्री टैक्स के तहत भेजे जा सकते हैं। इसके तहत अमेरिका के लिए भी उन देशों में कुछ शर्तों के तहत बाजार में दाखिल होने की छूट होती है। हालांकि, अमेरिका के अनुसार मौजूदा समय में भारत ने व्यापार से संबंधित कई रोक लगाये हैं जिससे उसके (अमेरिका के) अपने व्यापार पर नाकारात्मक असर पड़ रहे हैं।