केंद्र सरकार का दिवाली तोहफा, पेट्रोल पर 5 और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटाई, आम जनता को राहत की उम्मीद

By सतीश कुमार सिंह | Updated: November 3, 2021 22:47 IST2021-11-03T20:29:47+5:302021-11-03T22:47:06+5:30

मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी की घोषणा की। कल से पेट्रोल और डीजल पर थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। महंगाई से आम जनता का हाल बहुत ही खराब है।

diwali Petrol and Diesel reduced by Rs 5 and Rs 10 Government of India announces excise duty reduction  | केंद्र सरकार का दिवाली तोहफा, पेट्रोल पर 5 और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटाई, आम जनता को राहत की उम्मीद

केंद्र सरकार का दिवाली तोहफा, पेट्रोल पर 5 और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटाई, आम जनता को राहत की उम्मीद

Highlightsदुनिया ने सभी प्रकार की ऊर्जा की कमी और बढ़ी हुई कीमतों को भी देखा है।आगामी रबी सीजन के दौरान किसानों को बढ़ावा मिलेगा।भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी की घोषणा की।

नई दिल्लीः दिवाली की पूर्व संध्या पर मोदी सरकार ने आम जनता को राहत देने जा रही है। 4 नवंबर (गुरुवार) से पेट्रोल और डीजल सस्ता हो जाएगा। कल से पेट्रोल और डीजल पर थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। महंगाई से आम जनता का हाल बहुत ही खराब है। एलपीजी का दाम हर माह बढ़ रहा है। 

भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी की घोषणा की। सरकार ने बुधवार को उत्पाद शुल्क में कमी की घोषणा की। पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कल क्रमश: 5 रुपये और 10 रुपये कम किया जाएगा। डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी पेट्रोल की तुलना में दोगुनी होगी और आगामी रबी सीजन के दौरान किसानों को बढ़ावा मिलेगा।

सरकार ने आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत देने के लिये बुधवार को महत्वपूर्ण कदम उठाया। दिवाली की पूर्व संध्या पर की गयी इस घोषणा से ईंधन की आसमान छूती कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी और महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को भी कुछ राहत मिलेगी।

उत्पाद शुल्क में कमी चार नवंबर से प्रभाव में आएगी और इसके साथ पेट्रोल की कीमत दिल्ली में मौजूदा 110.04 रुपये प्रति लीटर से घटकर 105.04 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल की कीमत 98.42 रुपये प्रति लीटर से घटकर 88.42 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "भारत सरकार ने कल से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये और 10 रुपये की कमी करने का एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी।" यह उत्पाद शुल्क में की गयी अब तक की सबसे अधिक कमी है और इससे साथ मार्च 2020 से मई 2020 के बीच पेट्रोल एवं डीजल पर करों में 13 रुपये और 16 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का एक हिस्सा वापस ले लिया गया है।

सरकारी सूत्रों ने बुधवार को कहा कि राज्यों ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने का आग्रह किया। हाल के महीनों में, कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक उछाल देखा गया है। नतीजतन, हाल के हफ्तों में पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों में मुद्रास्फीति के दबाव के कारण वृद्धि हुई थी।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि दुनिया ने सभी प्रकार की ऊर्जा की कमी और बढ़ी हुई कीमतों को भी देखा है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि देश में ऊर्जा की कमी न हो और पेट्रोल और डीजल जैसी वस्तुएं हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त रूप से उपलब्ध हों। अर्थव्यवस्था को और गति देने के लिए, इसने डीजल और पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क को उल्लेखनीय रूप से कम करने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्रालय ने आगे उल्लेख किया है कि कटौती से खपत को भी बढ़ावा मिलेगा और मुद्रास्फीति कम रहेगी, जिससे गरीबों, मध्यम वर्गों को मदद मिलेगी।

उत्पाद शुल्क में उस समय की वृद्धि से पेट्रोल पर केंद्रीय कर 32.9 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.8 रुपये प्रति लीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। बयान में कहा गया है कि उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए राज्यों से पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने का भी आग्रह किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बाद देश भर में खुदरा दरों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद उत्पाद शुल्क में कमी की जा रही है। जहां सभी प्रमुख शहरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर है, वहीं डीजल ने कई राज्यों में यह स्तर पार कर लिया है।

ईंधन की कीमतों में लगातार हुई वृद्धि की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। खासकर कांग्रेस ने आलोचना करते हुए सरकार से उत्पाद शुल्क वापस लेने की मांग की थी। अप्रैल से अक्टूबर के खपत के आंकड़ों के आधार पर उत्पाद शुल्क में कटौती से सरकार को प्रति माह 8,700 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। उद्योग सूत्रों के अनुसार इससे सालाना आधार पर एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का असर पड़ेगा। वहीं चालू वित्त वर्ष की बाकी अवधि के लिए, प्रभाव 43,500 करोड़ रुपये का होगा।

उत्पाद शुल्क में कमी से मोटर चालकों को राहत मिलेगी। ट्रकों और कृषि क्षेत्र के लिए यह सबसे बड़ी राहत होगी जो डीजल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। बयान के मुताबिक किसानों ने अपनी कड़ी मेहनत से, ‘लॉकडाउन’ के दौरान भी आर्थिक वृद्धि की गति को बनाए रखा और डीजल पर उत्पाद शुल्क में भारी कमी से उन्हें आगामी रबी सीजन के दौरान प्रोत्साहन मिलेगा। हाल के महीनों में, कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक स्तर पर उछाल देखा गया है। इस वजह से हाल के हफ्तों में पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे मुद्रास्फीति संबंधी दबाव बढ़ गया है।

Web Title: diwali Petrol and Diesel reduced by Rs 5 and Rs 10 Government of India announces excise duty reduction 

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