डायरेक्ट सेलिंग उद्योग ने 2020-21 की कोविड प्रभावित पहली छमाही में 4.7 प्रतिशत वृद्धि की

By भाषा | Updated: July 16, 2021 18:17 IST2021-07-16T18:17:49+5:302021-07-16T18:17:49+5:30

Direct selling industry grew 4.7 percent in the first half of 2020-21 | डायरेक्ट सेलिंग उद्योग ने 2020-21 की कोविड प्रभावित पहली छमाही में 4.7 प्रतिशत वृद्धि की

डायरेक्ट सेलिंग उद्योग ने 2020-21 की कोविड प्रभावित पहली छमाही में 4.7 प्रतिशत वृद्धि की

नयी दिल्ली, 16 जुलाई इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) ने शुक्रवार को अपनी वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की जिसके अनुसार भारतीय डायरेक्ट सेलिंग उद्योग ने वित्तीय नर्ष 2020-21 की महामारी से प्रभावित पहली छमाही में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 7,518 करोड़ रुपए की कुल बिक्री की। यह वृद्धि स्वास्थ्य एवं पोषण वर्ग के उत्पादों की मांग में आयी तेजी के साथ हुई।

वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) के चलन के साथ इस दौरान प्रति दिन 29,064 नए भागीदारों की औसत संख्या के साथ कुल 53.18 लाख लोग डायरेक्ट सेलिंग से जुड़े।रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में वैश्विक स्तर पर 180 अरब डालर के डायरेक्ट सेलिंग बाजार में भारत का योगदान अभी एक प्रतिशत ही है पर यह सबसे तीव्र वृद्धि करने वाले बाजारों में है। कारोबार की दृष्टि से 20 शीर्ष देशों में भारत का 12वां स्थान है।

आईडीएसए ने कहा, "घर से काम करने के चलन के उभरने के साथ लोग वैसे विकल्प तलाशने में सक्षम हुए जिनसे उन्हें घर से काम करने के दौरान खुद से अर्जित की जा सकने वाली आय का एक अतिरिक्त स्रोत मिल सकता है।"

रिपोर्ट के मुताबिक 2020-21 की पहली छमाही में ‘वेलनेस’वर्ग के सामानों ने भारतीय डायरेक्ट सेलिंग की कुल बिक्री में 55 प्रतिशत का योगदान दिया।

रपट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 में भारतीय डायरेक्ट सेलिंग उद्योग ने 28.26 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि दर्ज की। इस दौरान इसकी कुल बिक्री 16,776.2 करोड़ रुपए रही, जो कि 2018-19 में 13,080 करोड़ रुपए थी। बिक्री में सबसे ज्यादा (12 प्रतिशत) योगदान महाराष्ट्र और उसके बाद 11 प्रतिशत पश्चिम बंगाल का रहा। उत्तर प्रदेश का योगदान 9 प्रतिशत रहा। हरियाण और दिल्ली भी करीब पांच-पांच प्रतिशत के योगदान के साथ डायरेक्ट सेलिंग के प्रमुख बाजार हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक वेलनेस वर्ग के उत्पादों ने भारतीय डायरेक्ट सेलिंग बिक्री में 57 प्रतिशत का योगदान दिया, इसके बाद कॉस्मेटिक्स और पर्सनल केयर वर्ग ने 22 प्रतिशत का योगदान दिया। जबकि घरेलू सामानों के वर्ग की इसमें आठ प्रतिशत की हिस्सेदारी थी।

आईडीएसए की अध्यक्ष रिनी सन्याल ने कहा, "18 प्रतिशत का सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) इस बात का गवाह है कि देश में डायरेक्ट सेलिंग व्यापार ने मजबूत प्रगति की है और यह सरकार के आशाजनक नियामक संरचना के सहारे आने वाले वर्षों में अपनी स्थिति और मजबूत करेगा।"

अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा आईडीएसए भारत में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग के लिए एक स्वायत्त और स्व-नियामक निकाय है।

सरकार ने इसी माह के शुरू में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग के लिए इसी माह के शुरू में नियमावली का मसौदा जारी किया है। उपभोक्त संरक्षण (डायरेक्ट सेलिंग) नियमावली, 2021 के मसौदे पर संतोष जताते हुए आईडीएसए के पदाधिकारियों ने कहा कि यह ‘ यह नियमावली सुरंग के छोर पर रोशनकी के समान है। इससे उद्योग को गति मिलेगी।’ उन्होंने कहा कि पहली बार इस उद्योग के लिए अलग से नियामकीय और पंजीकरण व्यवस्था की जा रही है। इससे इस क्षेत्र को गतिविधियों का विस्तार करने और रोजगार के अवसर बढ़ान में योगदान देने में मददम मिलेगी।

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Web Title: Direct selling industry grew 4.7 percent in the first half of 2020-21

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