Digital India project: डिजिटल इंडिया परियोजना पर खर्च होंगे 14,903 करोड़, रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना, 32,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जानें कैबिनेट की मुख्य बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 16, 2023 04:26 PM2023-08-16T16:26:10+5:302023-08-16T16:28:08+5:30
Digital India project: केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दी गयी। इस पर 14,903 करोड़ रुपये का व्यय होगा।’’
Digital India project: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पारंपरिक कौशल वाले लोगों का समर्थन करने के लिए 'प्रधानमंत्री विश्वकर्मा' योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत उदार शर्तों पर 1 लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
The PM in Union Cabinet meeting today approved ‘PM Vishwakarma’ scheme to support people with traditional skills. Under this scheme, loans up to Rs 1 lakh will be provided on liberal terms: Union Minister Ashwini Vaishnaw pic.twitter.com/CcDkV5slX1
— ANI (@ANI) August 16, 2023
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 14,903 करोड़ रुपये के व्यय के साथ डिजिटल इंडिया परियोजना के विस्तार को मंजूरी दे दी। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दी गयी। इस पर 14,903 करोड़ रुपये का व्यय होगा।’’
Union Cabinet approves ‘PM Vishwakarma’ scheme
— ANI Digital (@ani_digital) August 16, 2023
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मंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया विस्तार के तहत इसके अंतर्गत पूर्व में किये गये कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत 5.25 लाख आईटी पेशेवरों को नई प्रौद्योगिकी के हिसाब से फिर से हुनरमंद बनाया जाए।
साथ 2.65 लाख लोगों को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाएगा। विस्तारित डिजिटल इंडिया परियोजना के तहत, राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनसीएम) के तहत नौ और सुपर कंप्यूटर जोड़े जाएंगे। मंत्री ने कहा कि एनसीएम के तहत 18 सुपर कंप्यूटर पहले ही स्थापित किये जा चुके हैं।
मंत्रिमंडल ने भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान कर दी। इस पर करीब 32,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में 2339 किलोमीटर जोड़ा जा सकेगा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । प्रस्तावित परियोजना से भारतीय रेलवे की वर्तमान रेल लाइन क्षमता को बढ़ाने, ट्रेन परिचालन को सुगम बनाने, भीड़भाड़ को कम करने तथा यात्रा को आसान बनाने में मदद मिलेगी।
देश के नौ राज्यों के 35 शहरों से जुड़ी इस परियोजना से रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में 2339 किलोमीटर जोड़ा जा सकेगा। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
#WATCH | During a briefing on Union Cabinet decisions, Union Minister Anurag Thakur says "Out of Rs 57,613 crores, Rs 20,000 crores will be provided by the Central government. The scheme will cover cities with 3 lakhs and above population. Under this scheme, city bus operations… pic.twitter.com/hH6ZnAjaNC
— ANI (@ANI) August 16, 2023
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नगरीय बस परिवहन सेवा का विस्तार करने, उसे सुविधाजनक बनाने तथा हरित आवाजाही को बढ़ाने के लिए ‘पीएम-ई बस सेवा’ को मंजूरी दी जिस पर 10 वर्षो में 57,613 करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । इस में उन शहरों को प्राथमिकता दी जायेगी जहां व्यवस्थित परिवहन सेवा की कमी है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम पर 57,613 करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे और 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों की सेवाएं उपलब्ध करायी जायेंगी। यह राशि 10 वर्ष में खर्च की जायेगी । इसके लिए केंद्र सरकार 20 हजार करोड़ रूपये देगी और शेष राशि राज्यों को देनी होगी।
ठाकुर ने बताया कि देश में 3 लाख से 40 लाख की आबादी वाले 169 शहर हैं और इस कार्यक्रम के लिए इनमें से ‘चैलेंज मोड’ के आधार पर 100 शहरों का चयन किया जायेगा। ई-बसें सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत इन चुने गए शहरों में परिचालित की जायेंगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘विश्वकर्मा योजना को मंजूरी प्रदान कर दी जिसके माध्यम से गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल कार्यों को बढ़ाने वाले कामगारों का कौशल विकास किया जायेगा तथा उन्हें ऋृण सुविधा एवं बाजार पहुंच प्रदान करने में मदद की जायेगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्ण ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह योजना 13 हजार करोड़ रूपये की है और इससे 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को लाभ होगा। उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे कस्बों में अनेक वर्ग ऐसे हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल से जुड़े कार्यों में लगे हैं।
इनमें लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूल का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि शामिल हैं। वैष्णव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इन वर्गों का महत्वपूर्ण स्थान है और इन्हें नया आयाम देते हुए मंत्रिमंडल ने ‘विश्वकर्मा योजना’ को मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से इस योजना का संकेत दिया था। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि इसमें इस बात पर ध्यान दिया जायेगा कि इन वर्गों का किस तरह से अधिक कौशल विकास हो तथा नए प्रकार के उपकरणों एवं डिजाइन की जानकारी मिले।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत उपकरणों की खरीद में भी मदद की जायेगी। इसके तहत दो प्रकार का कौशल विकास कार्यक्रम होगा जिसमें पहला 'बेसिक' और दूसरा 'एडवांस' होगा। इस कोर्स को करने वालों को मानदेय (स्टाइपंड) भी मिलेगा। मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत प्रथम चरण में एक लाख रूपये का तक कर्ज दिया जायेगा जिस पर रियायती ब्याज (अधिकतम पांच प्रतिशत) देय होगा।