अर्थव्यवस्था में सुधार के बावजूद कोविड-19 से राज्यों पर बढ़ेगा कर्ज का बोझ: एसएंडपी

By भाषा | Updated: June 25, 2021 17:52 IST2021-06-25T17:52:36+5:302021-06-25T17:52:36+5:30

Despite improving economy, Covid-19 will increase debt burden on states: S&P | अर्थव्यवस्था में सुधार के बावजूद कोविड-19 से राज्यों पर बढ़ेगा कर्ज का बोझ: एसएंडपी

अर्थव्यवस्था में सुधार के बावजूद कोविड-19 से राज्यों पर बढ़ेगा कर्ज का बोझ: एसएंडपी

नयी दिल्ली, 25 जून एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को कहा कि अगले 12-24 महीनों में अर्थव्यवस्था में सुधार की संभावना के बावजूद कोविड-19 महामारी के प्रकोप के चलते राज्यों के संरचनात्मक घाटे और ऋणग्रस्तता की स्थिति और गंभीर हो सकती है।

अमेरिका स्थित रेटिंग एजेंसी ने उम्मीद जताई कि अगले कुछ वर्षों में देश की आर्थिक वृद्धि औसत से ऊपर रहेगी और 31 मार्च 2022 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक गतिविधियों की बहाली से राज्यों का राजस्व बढ़ेगा।

एसएंडपी का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-2023 के बीच राज्यों के राजस्व में सालाना औसतन 17 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

एसएंडपी ने ‘‘लोक वित्त प्रणाली : भारतीय राज्यों की समीक्षा’’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी भारतीय राज्य सरकारों के संरचनात्मक घाटे और ऋणग्रस्तता की स्थिति को खराब कर सकती है। हालांकि समकक्ष देशों की तुलना में भारत की मजबूत वृद्धि राज्यों के राजकोषीय प्रदर्शन की स्थिरता को सहारा देने वाला एक महत्वपूर्ण कारक रहा है।’’

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने पहले ही चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को 11 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है। आर्थिक परिदृश्य को कम करते हुये एजेंसी ने कहा कि अप्रैल और मई माह के दौरान कोविड-19 की दूसरी लहर के गंभीर प्रकोप से आर्थिक गतिविधियों में कमी आई है लेकिन अब इसमें सुधार आने लगा है।

एसएंडपी ने कहा है कि राज्यों के लिये कोविड-19 की वजह से बढ़े स्वास्थ्य खर्च को कम करना मुश्किल होगा। महामारी के कारण स्वास्थ्य देखभाल, सामाजिक सुरक्षा और डिजिटल सुविधाओं पर खर्च तेजी से बढ़ा है।

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