Union Budget 2023: रक्षा बजट में 13 प्रतिशत की वृद्धि, चीन से सीमा विवाद के बीच सरकार ने 5.94 लाख करोड़ आवंटित किए
By शिवेंद्र राय | Updated: February 1, 2023 15:57 IST2023-02-01T14:55:00+5:302023-02-01T15:57:10+5:30
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ था। पिछली बार के रक्षा बजट में भी सरकार ने रक्षा बजट में 9.86 प्रतिशत की वृद्धि की थी लेकिन इस बार 13 प्रतिशत की भारी भरकम बढ़ोत्तरी ये दिखाती है सरकार चीन से मिल रही चुनौतियों को लेकर गंभीर है।

चीन से सीमा विवाद के बीच सरकार ने बढ़ाया रक्षा बजट
नई दिल्ली: संसद में आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश किया। इस बार के रक्षा बजट में सरकार द्वारा भारी-भरकम बढ़ोत्तरी की गई है। सीमा पर चीन और पाकिस्तान के दोहरे खतरे को देखते हुए इस बार रक्षा बजट में 13 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। सरकार ने सेनाओं की मजबूती के लिए 2023-24 के बजट में 5.94 लाख करोड़ आवंटित किए हैं। ये पिछली बार के बजट से 13 प्रतिशत ज्यादा है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ था। पिछली बार के रक्षा बजट में भी सरकार ने रक्षा बजट में 9.86 प्रतिशत की वृद्धि की थी लेकिन इस बार 13 प्रतिशत की भारी भरकम बढ़ोत्तरी ये दिखाती है सरकार चीन से मिल रही चुनौतियों को लेकर गंभीर है। रक्षा बजट के रूप में इस बार आवंटित की गई धनराशि पूरे केंद्रीय बजट का 8 प्रतिशत है।
बता दें कि सरकार द्वारा आवंटित की गई 5.94 लाख करोड़ की धनराशि तीनो सेनाओं के लिए है। भारतीय रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा सैनिकों के वेतन और पूर्व सैनिकों के पेंशन पर खर्च होता है। एक अनुमान के मुताबिक कुल रक्षा बजट में से भारतीय थल सेना को मिलने वाले हिस्से का 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा वेतन, पेंशन और रोजाना के खर्चों में चला जाता है। केवल 17 फीसदी हिस्सा ही सेना के आधुनिकीकरण के लिए बच जाता है।
फिलहाल सुरक्षा की दृष्टि से मौजूदा समय में चीन भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती है और अगर चीन की बात की जाए तो वित्त वर्ष 2021 में चीन का रक्षा बजट 209 अरब डॉलर था। यानी कि भारत के रक्षा बजट से तीन गुना ज्यादा। अमेरिका के बाद चीन रक्षा बजट पर खर्च करने के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। 2012 में सत्ता में आने के बाद से चीनी राष्ट्रपति देश के रक्षा बजट में लगातार इजाफा कर रहे हैं जो भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय भी है।