नयी दिल्ली, आठ नवंबर सीमा शुल्क विभाग ने जनवरी से अक्टूबर 2021 के बीच जब्त किए गए खतरनाक सामानों की 1,700 खेपों का निपटान किया है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्देश दिया है कि निपटान की प्रक्रिया की निगरानी की जाए और इसे तेजी से पूरा किया जाए। इसके अलावा सीमा शुल्क के तहत अन्य प्रभाग भी संबंधित विभागों (राज्य सरकारों सहित) के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करें कि खतरनाक सामग्री का 90 दिन की अवधि के भीतर निपटान किया जाए।
बयान में कहा गया है, ‘‘जनवरी, 2021 और अक्टूबर, 2021 के बीच सीमा शुल्क क्षेत्रों से सुरक्षित या जब्त किए गए खतरनाक सामानों की 1,700 से अधिक खेपों का सुरक्षित तरीके से निपटान किया गया है।’’
रसायन, इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट आदि सहित अस्पष्ट या लावारिस या जब्त खतरनाक सामान की खेपों का निपटान, सीमा शुल्क विभाग के स्थानों पर किया जाने वाला एक सतत अभ्यास है।
इनमें अक्सर ऐसा सामान होता है जिनका आयात मौजूदा नीति के अनुसार अंकुश के तहत आता है और उनके आयात के लिए लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है। ऐसे सामान प्रतिबंधित सामग्री की प्रकृति के भी हो सकते हैं जिन्हें आयात करने की अनुमति नहीं है, जिन्हें देश में तस्करी करने का प्रयास किया जाता है।
मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के जब्त खतरनाक सामान को एक अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिसमें अपील के प्रावधान भी होते हैं, जिससे निपटान प्रक्रिया में अधिक समय लगता है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।