कॉर्टेवा एग्रीसाइंस ने 40,000 एकड़ में धान की टिकाऊ खेत के लिए समझौता किया
By भाषा | Updated: July 22, 2021 14:00 IST2021-07-22T14:00:07+5:302021-07-22T14:00:07+5:30

कॉर्टेवा एग्रीसाइंस ने 40,000 एकड़ में धान की टिकाऊ खेत के लिए समझौता किया
नयी दिल्ली, 22 जुलाई वैश्विक कृषि फर्म कोर्टेवा एग्रीसाइंस ने गुरुवार को कहा कि उसने 2030 वाटर रिसोर्सेज ग्रुप (2030 डब्ल्यूआरजी) के साथ तीन साल की एक परियोजना के लिए हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत उत्तर प्रदेश में 40,000 एकड़ में धान की टिकाऊ खेती को बढ़ावा देगा।
एक बयान के मुताबिक इस परियोजना के तहत कॉर्टेवा, विश्व बैंक समूह की मेजबानी वाला 2030 डब्ल्यूआरजी और कई हितधारक 40,000 एकड़ भूमि को धान की रोपाई के पारंपरिक पौध रोपड़ विधि की जगह सीधे बीज रोपड़ विधि में बदलने के लिए काम करेंगे।
कोर्टेवा एग्रीसाइंस के अनुसार तीन साल की परियोजना कृषि में स्थायी आजीविका को बढ़ावा देगी और किसानों के सामाजिक - आर्थिक सशक्तिकरण के लिए काम करेगी।
इस तरह से धान की खेती करने में पानी के इस्तेमाल में 35-37 प्रतिशत की कमी होती है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 20-30 प्रतिशत तक कम होता है।
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