सर्वे में हुआ खुलासा, खुदरा व्यापरियों को 'लॉकडाउन' के कारण 80 हजार लोगों का रोजगार जाने की आशंका

By भाषा | Updated: April 7, 2020 19:14 IST2020-04-07T19:14:34+5:302020-04-07T19:14:34+5:30

सरकार से उम्मीदों के बारे में सर्वे में कहा गया है कि अच्छी संख्या में लोगों को रोजगार देने वाले प्रत्येक तीन खुदरा व्यापारियों में से दो कर्मचारियों की तनख्वाह और किराये मद में मदद चाहते हैं।

Coronavirus impact: Retailers expect around 80000 job losses due to lockdown, says survey | सर्वे में हुआ खुलासा, खुदरा व्यापरियों को 'लॉकडाउन' के कारण 80 हजार लोगों का रोजगार जाने की आशंका

सर्वे के अनुसार 20 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी से कुल 78,592 कर्मचारी प्रभावित होंगे। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsकोरोना वायरस के कारण लगे ‘लॉकडाउन’ से खुदरा व्यापारी 80,000 नौकरियां घटा सकते हैं।उद्योग संगठन रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने एक सर्वे में यह कहा है।संगठन ने कहा कि छोटे खुदरा व्यापारी अपने काम करने वालों में से 30 प्रतिशत की छंटनी कर सकते हैं।

नई दिल्ली।कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ से खुदरा व्यापारी 80,000 नौकरियां घटा सकते हैं। उद्योग संगठन रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने एक सर्वे में यह कहा है। आरएआई ने कोरोना वायरस महामारी का व्यापारियों और कार्यबल पर पड़ने वाले प्रभाव के आकलन के लिये यह सर्वे किया। यह सर्वे 768 खुदरा कारोबारियों के बीच किया गया जिनमें 3,92,963 लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

संगठन ने कहा, ‘‘छोटे खुदरा व्यापारी अपने यहां काम करने वालों में से 30 प्रतिशत की छंटनी कर सकते हैं। वहीं मध्यम आकार के खुदरा कारोबारी में यह 12 प्रतिशत और बड़े खुदरा व्यपारियों के मामले में यह 5 प्रतिशत है। कुल मिलाकर सर्वे में शामिल खुदरा कारोबारियों ने कहा कि वे कार्यबल में 20 प्रतिशत की कटौती कर सकते हैं।’’

सर्वे के अनुसार 20 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी से कुल 78,592 कर्मचारी प्रभावित होंगे। उद्योग संगठन ने कहा कि सर्वे में शामिल छोटे कारोबारियों में वे इकाइयां हैं जहां 100 से कम लोग काम करते हैं। इनकी सर्वे में भागीदारी 65 प्रतिशत हैं। वहीं मझोले खुदरा कारोबारियों में 100 से 1,000 लोग काम करते हैं। बड़े खुदरा कारोबारियों में वे शामिल हैं जिन्होंने 1,000 से अधिक लोगों को काम दे रखा है।

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये 25 मार्च से जारी ‘लॉकडाउन’ के कारण खाने-पीने का सामान बेचने वाले को छोड़कर 95 प्रतिशत से अधिक दुकानें बंद पड़ी हैं। इससे उनकी आय खत्म होगी। वे पिछले साल के मुकाबले अगले छह महीने में करीब 40 प्रतिशत ही कमाई की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं खाने-पीने का सामान बेचने वाले खुदरा व्यापरी अगले छह महीनों में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 56 प्रतिशत कमाई की उम्मीद कर रहे हैं।

खाने-पीने के सामान के अलावा दूसरा कारोबार करने वाली दुकानें पूरी तरह बंद हैं जिससे उन्हें आय का पूरा नुकसान हो रहा है। व्यापार परिदृश्य के बारे में 70 प्रतिशत खुदरा व्यापारियों ने कहा कि पुनरूद्धार अगले छह महीने में होने की उम्मीद है जबकि 20 प्रतिशत का कहना है कि इसमें एक साल से अधिक समय लगेगाा।

सरकार से उम्मीदों के बारे में सर्वे में कहा गया है कि अच्छी संख्या में लोगों को रोजगार देने वाले प्रत्येक तीन खुदरा व्यापारियों में से दो कर्मचारियों की तनख्वाह और किराये मद में मदद चाहते हैं ताकि उनकी स्थिर लागत पूरी हो सके और कम-से-कम लोगों को नौकरियों से हटाना पड़े। इसमें कहा गया हे, ‘‘बिना किसी समर्थन के खुदरा व्यापारी कर्मचारियों की संख्या में 20 प्रतिशत तक की कमी कर सकते हैं।’’ संगठन ने कहा कि पांच खुदरा व्यापारियों में दो माल एवं सेवा कर (जीएसटी), कर और कर्ज में राहत चाहते हैं ताकि संकट की घड़ी में व्यापार बना रहे।

Web Title: Coronavirus impact: Retailers expect around 80000 job losses due to lockdown, says survey

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