मुंबई, नौ सितंबर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ‘गंभीर’ रूप से चिंतित है और उसने सरकार को इस चिंता से अवगत करा दिया है।
दास ने बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अब इस मामले में निर्णय सरकार को लेना है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी के अर्थव्यवस्था में योगदान के विषय में ‘विश्वसनीय स्पष्टीकरण और जवाब’ की जरूरत है।
बिटकॉइन जैसी निजी क्रिप्टो करेंसी नियमन के दायरे में नहीं है। इसकी कीमत में भारी उतार-चढ़ाव रहता है। इस तरह की आवाजें उठ रही हैं कि इन्हें विदेशी संपत्ति जैसा माना जाए। सरकार को इस बात पर फैसला करना है कि इन्हें पूरी तरह अनुमति दी जाए या नहीं।
अल सल्वाडोर इस सप्ताह बिटकॉइन को मान्यता देने वाला पहला देश है। एक दिन में करेंसी के मूल्य में 20 प्रतिशत ‘करेक्शन’ के बाद वहां काफी तनाव हो गया है।
दास ने कहा, ‘‘हमने क्रिप्टो करेंसी को लेकर अपनी गंभीर और बड़ी चिंता से सरकार को अवगत करा दिया है। सरकार को इस पर फैसला करना है।’’
रिजर्व बैंक ने शुरुआत में बैंकों को इस तरह की संपत्ति में निवेशकों द्वारा कारोबार की अनुमति को प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन उच्चतम न्यायालय ने रिजर्व बैंक के आदेश को रद्द कर दिया जिसके बाद इसकी अनुमति मिल गई। खबरों में कहा गया है कि कुछ बैंकों ने इस तरह का कामकाज फिर शुरू कर दिया है।
इससे पहले मार्च में दास ने कहा था कि उनके पास यह विश्वास करने की वजह है कि सरकार केंद्रीय बैंक द्वारा जताई गई चिंता से सहमत है।
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