दिवाला कार्यवाही के तहत विवाद निपटान को दबाव नहीं डाल सकते कंपनी विधि न्यायाधिकरण: न्यायालय

By भाषा | Updated: December 14, 2021 22:07 IST2021-12-14T22:07:18+5:302021-12-14T22:07:18+5:30

Company law tribunals cannot force dispute settlement under insolvency proceedings: Court | दिवाला कार्यवाही के तहत विवाद निपटान को दबाव नहीं डाल सकते कंपनी विधि न्यायाधिकरण: न्यायालय

दिवाला कार्यवाही के तहत विवाद निपटान को दबाव नहीं डाल सकते कंपनी विधि न्यायाधिकरण: न्यायालय

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) किसी पक्ष को दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत किसी विवाद के निपटान के लिए बाध्य नहीं कर सकता। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि एनसीएलटी को सिर्फ यह सत्यापित करने का अधिकार है कि चूक हुई है या नहीं।

शीर्ष अदालत ने आईबीसी के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि एनसीएलटी और राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के पास सिर्फ दो विकल्प उपलब्ध हैं। या तो वे किसी कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्रवाई की अनुमति दे सकते हैं या उसे खारिज कर सकते हैं।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने एनसीएलटी और एनसीएलएटी के उन फैसलों को रद्द कर दिया, जिसमें एक कंपनी को निर्धारित समयसीमा के अंदर घर खरीदारों के दावों को निपटाने की कोशिश करने के लिए कहा गया था और भारत हाई टेक बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की याचिका को खारिज कर दिया गया था।

पीठ ने कहा, ‘‘हम अपील की अनुमति देते हैं और एनसीएलएटी और एनसीएलटी के 30 जुलाई, 2020 के आदेश को रद्द करते हैं। इसी के साथ आईबीसी की धारा सात के तहत घर खरीदारों की याचिका एनसीएलटी के पास नए सिरे से निपटान के लिए भेजी जाती है।

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Web Title: Company law tribunals cannot force dispute settlement under insolvency proceedings: Court

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