ड्रैगन को जवाब: चीनी निवेश वाले पेमेंट वॉलेट को NBFC का दर्जा लेने में करनी पड़ेगी मशक्कत, मोदी सरकार कड़े कानून की तैयारी में

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: June 26, 2020 07:27 IST2020-06-26T07:27:17+5:302020-06-26T07:27:17+5:30

भारत में चीनी कंपनियों के निवेश वाली कंपनियों को एनबीएफसी का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार अब और कड़े कानून बनाने पर विचार कर रही है। ऐसा हुआ तो ये चीन के लिए बड़ा झटका होगा।

Chinese investment payment wallets will have to struggle to get NBFC status in India | ड्रैगन को जवाब: चीनी निवेश वाले पेमेंट वॉलेट को NBFC का दर्जा लेने में करनी पड़ेगी मशक्कत, मोदी सरकार कड़े कानून की तैयारी में

चीनी कंपनियों को भारत की झटका देने की तैयारी (फाइल फोटो)

Highlightsचीन के निवेश को भारत में और मुश्किल बनाने की तैयारी, खासकर एनबीएफसी की अनुमति मांगने वाली कंपनियों पर नजरचीनी निवेश वाले पेमेंट वॉलेट को NBFC का दर्जा देने के नियमों को और कड़ा बनाने पर हो रहा है विचार

टेकचंद सोनवणे

आर्थिक तौर पर चीन के मजबूत रहने के बावजूद अब उसे भारत से रोका जाएगा। केंद्रीय वित्त और वाणिज्य मंत्रालय ने चीनी कंपनियों के निवेश वाली कंपनियों को एनबीएफसी (नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कॉरपोरेशन) का दर्जा देने के लिए कड़े नियम बनाने की तैयारी की है। ऐसा हुआ तो चीनी कंपनी अलीबाबा के निवेश वाली भारतीय स्टार्टअप कंपनियों को बड़ा झटका लगेगा।

राज्यसभा के सांसद डॉ. नरेंद्र जाधव ने पिछले वर्ष संसद में इस बारे में केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया था। उन्होंने यह आशंका जताई थी कि एनबीएफसी का दर्जा मिलने पर चीनी कंपनियां करोड़ो भारतीयों की जानकारी (आधार के माध्यम से) आसानी से जुटा सकेंगी। उन्होंने कुछ नियमों का सुझाव भी दिया था। उस समय से यह शुरू हो गई।

केवल चीनी प्रोडक्ट के बहिष्कार से नहीं बनेगा काम

वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार केवल चीनी वस्तुओ का बहिष्कार करने से ड्रैगन को झटका नहीं लगेगा। इसके लिए कुछ नीतिगत बदलाव करने होंगे। नोटबंदी के बाद बड़े पैमाने पर चीनी निवेश वाला एक भारतीय पेमेंट वॉलेट देश में इस्तेमाल किया जा रहा है। इस वॉलेट में चीनी कंपनी अलीबाबा का निवेश है। पेमेंट वॉलेट कंपनी ने आगे ई-कॉमर्स में विस्तार किया। 

इस कंपनी ने एनबीएफसी की अनुमति मांगी है। उसे मंजूरी मिलने पर यह कंपनी बैंकिंग क्षेत्र में  कुछ लेन-देन कर सकेगी। इसके लिए आधार डाटा का उपयोग कर सकेगी। अलीबाबा कंपनी के प्रबंधन बोर्ड में चीनी सरकार के नियमों के अनुसार एक सदस्य सरकारी (चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का सदस्य) होगा।

अलीबाबा कंपनी के कारण पेमेंट वॉलेट को मिलने वाली 'आधार' की जानकारी आसानी से चीनी सरकार के पास जाने का खतरा है। इस जानकारी का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो सकता है। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा होगा। गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत ने चीन की दादागीरी कुचलने का संकल्प किया है। सूत्रों ने कहा कि चीन पर व्यापार निर्भरता कम की जाएगी।

अमेरिकी मॉडल अपनाएगा भारत 

अमेरिका ने हुआवेई कंपनी के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जानकारी चुराने, उसका राष्ट्रीय सुरक्षा के विरोध में उपयोग करने की आशंका जताई थी। भारत ने भी अमेरिका की तरह ही कदम उठाने का तय किया है। इसी तर्ज पर चीनी कंपनी का निवेश 10 प्रतिशत से कम कर पेमेंट वॉलेट में भारतीय कंपनी का हिस्सा 26 प्रतिशत से अधिक रखने की शर्त केंद्र सरकार की ओर से रखी जा सकती है।

Web Title: Chinese investment payment wallets will have to struggle to get NBFC status in India

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे