Budget 2025 FM Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आम बजट 2025-26 पेश किया, जिसमें 50,65,345 करोड़ रुपये के व्यय की परिकल्पना की गई है। यह राशि चालू वित्त वर्ष के मुकाबले 7.4 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 का व्यय (संशोधित अनुमान) 47.16 लाख करोड़ रुपये है। बजट दस्तावेजों के अनुसार, एक अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 5,41,850.21 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। इसकी तुलना में चालू वित्त वर्ष के लिए यह राशि 4,15,356.25 करोड़ रुपये है।
केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के लिए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 16.29 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जबकि 2024-25 के लिए यह 15.13 लाख करोड़ रुपये हैं। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए व्यय के बजट अनुमानों में कई कारणों से वृद्धि हुई है, जिनमें बाजार ऋण, राजकोषीय बिल, बाहरी ऋण, लघु बचत और भविष्य निधि पर ब्याज के भुगतान में वृद्धि शामिल हैं।
इसके अलावा बजट में पूंजीगत व्यय सहित सशस्त्र बलों की अधिक आवश्यकताओं और रोजगार सृजन योजना के लिए अधिक प्रावधान शामिल हैं। अगले वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित कुल पूंजीगत व्यय 11.22 लाख करोड़ रुपये और प्रभावी पूंजीगत व्यय 15.48 लाख करोड़ रुपये है। राज्यों को हस्तांतरित किए जा रहे कुल संसाधन 2025-26 के बजट में 25,01,284 करोड़ रुपये हैं।
जो 2023-24 के वास्तविक आंकड़ों से 4,91,668 करोड़ रुपये अधिक है। इसमें राज्यों के हिस्से का हस्तांतरण, अनुदान/ऋण और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत जारी राशि शामिल हैं। यदि सार्वजनिक उद्यमों के संसाधनों को शामिल किया जाए, तो बजट में कुल व्यय 54.97 लाख करोड़ रुपये हो जाता है।
सरकार को 2025-26 में आरबीआई, सार्वजनिक बैंकों से 2.56 लाख करोड़ रुपये का लाभांश मिलेगा
सरकार को वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से 2.56 लाख करोड़ रुपये का लाभांश मिल सकता है। संसद में शनिवार को पेश बजट दस्तावेजों में यह अनुमान जताया गया। चालू वित्त वर्ष में आरबीआई, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) और वित्तीय संस्थानों से लाभांश/अधिशेष के रूप में 2.34 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
जो पिछले अनुमानों से लगभग 1,410 करोड़ रुपये अधिक है। बजट दस्तावेजों में कहा गया कि 'सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और अन्य निवेशों से लाभांश' से केंद्र सरकार की कुल प्राप्तियां 2.89 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 3.25 लाख करोड़ रुपये होंगी। उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियां 34.96 लाख करोड़ रुपये तथा कुल व्यय 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
शुद्ध कर प्राप्तियां 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष के दौरान केंद्र का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सकल बाजार उधार 14.82 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।