Budget 2021: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया स्वागत, संतुलित बजट पेश करने के लिए केंद्र सरकार को बधाई दी
By एस पी सिन्हा | Updated: February 1, 2021 16:28 IST2021-02-01T16:25:32+5:302021-02-01T16:28:04+5:30
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा...

Budget 2021: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया स्वागत, संतुलित बजट पेश करने के लिए केंद्र सरकार को बधाई दी
केंद्रीय बजट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने केंद्रीय बजट को स्वागत योग्य बता्ते हुए कहा कि कोविड महामारी और राजस्व संग्रहण में दिक्कतों के बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा संतुलित बजट पेश किया गया, यह स्वागत योग्य है. मैं एक संतुलित बजट प्रस्तुत करने के लिये केन्द्र सरकार को बधाई देता हूं. आम बजट (वर्ष 2021-22) के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिये 34.8 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है, जो वर्ष 2020-21 के अनुमानित बजटीय खर्च 30.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.
उन्होंने कहा कि वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में 41 फीसदी राशि राज्य सरकारों को दी जाएगी. स्वास्थ्य क्षेत्र में 2 लाख 23 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो गत वर्ष से 137 फीसदी अधिक है. साथ ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वर्ल्ड हेल्थ की स्थापना की जाएगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के अंतर्गत एक करोड़ अतिरिक्त परिवारों को एलपीजी सिलेंडर देने का निर्णय लिया है जो स्वागत योग्य है. साथ ही गैस पाइपलाइन से 100 नए शहरों को जोडा जाएगा.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ मेगा टैक्सटाइल पार्क अगले 3 साल में शुरू करने की योजना है. इससे लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही निर्यात को भी बढावा मिलेगा. विकास वित्तीय संस्थान की स्थापना की जाएगी और उसके लिए अलग से कानून लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सौर एवं नवीनीकरण ऊर्जा को बढावा दिया जा रहा है. वायु प्रदूषण रोकने के लिए राशि दी जाएगी यह देश की पर्यावरण की रक्षा की दिशा में अच्छा कदम है.
उन्होंने कहा कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का बिहार सरकार ने पहले ही निर्णय लिया था. केंद्र सरकार ने भी इस काम को आगे बढाने का निर्णय लिया है. यानी हमने जिस काम को शुरू किया, उसे केंद्र सरकार ने अपना लिया है. आधारभूत संरचना के विकास के लिए पूंजीगत व्यय के रूप में 5 लाख 50 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य जो पिछले साल की तुलना में अधिक है