बजट 2019: रीयल एस्टेट क्षेत्र को मिले उद्योग का दर्जा, डेढ़ लाख रुपये तक मूलधन के भुगतान पर मिले कर छूट

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 30, 2019 10:48 AM2019-01-30T10:48:40+5:302019-01-30T10:48:40+5:30

वर्तमान में इस वर्ग के मकानों पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है और एक तिहाई जमीन मूल्य पर छूट से प्रभावी दर आठ प्रतिशत रह जाती है। यदि जमीन मूल्य पर 50 प्रतिशत एबेटमेंट मिलेगा तो जीएसटी की प्रभाव दर 6 प्रतिशत रह जायेगी और मकान का दाम और कम होगा।

Budget 2019: Industry status For real estate sector, tax deduction for payment of principal up to 1.5 lakhs | बजट 2019: रीयल एस्टेट क्षेत्र को मिले उद्योग का दर्जा, डेढ़ लाख रुपये तक मूलधन के भुगतान पर मिले कर छूट

बजट 2019: रीयल एस्टेट क्षेत्र को मिले उद्योग का दर्जा, डेढ़ लाख रुपये तक मूलधन के भुगतान पर मिले कर छूट

रीयल एस्टेट बाजार के बारे में परामर्श सेवा देने वाली कंपनियों ने बजट में इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने, मकानों पर जीएसटी का बोझ कम किए जाने तथा आवास रिण पर सालाना डेढ लाख रुपये तक के मूल धन के भुगतान पर आयकर में अलग से कटौती का प्रावधान करने की सिफारिश की है। 

रीयल एस्टेट क्षेत्र की सलाहकार कंपनी नाइट फ्रेंक ने आयकर कानून की धारा 80सी के तहत आवास रिण के मूल की वापसी पर अलग से डेढ लाख रुपये तक की कर छूट दिये जाने की मांग की है। उसका कहना है कि आवास क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये सरकार को आवास रिण की मूल राशि के डेढ लाख रुपये तक के वार्षिक भुगतान पर अलग से कर छूट देनी चाहिये। इससे रीयल एस्टेट क्षेत्र में मांग बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।

उन्होंने बजट पूर्व सिफारिशों में मकानों पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) में भूमि की कीमत के लिए एबेटमेंट की दर एक तिहाई से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग की है। एबेटमेंट के तहत घटे मूल्य पर कर लगाया जाता है। 

नाइट फ्रेंक ने बजट पूर्व सिफारिश में कहा गया है कि क्षेत्र में मांग परिदृश्य अभी भी काफी दबाव में है तथा गैर- बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) संकट से स्थिति और जटिल हुई है। 

कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने सस्ते मकानों की योजनाओं में जीएसटी पर जमीन की कीमत के लिए एबेटमेंट की दर मौजूदा एक तिहाई से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है। उनकी सिफारिश है कि सरकार को '2022 तक सभी के लिये आवास' योजना के तहत सस्ते आवासों पर भी जीएसटी में जमीन के मूल्य पर 50 प्रतिशत तक एबेटमेंट देना चाहिये।

वर्तमान में इस वर्ग के मकानों पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है और एक तिहाई जमीन मूल्य पर छूट से प्रभावी दर आठ प्रतिशत रह जाती है। यदि जमीन मूल्य पर 50 प्रतिशत एबेटमेंट मिलेगा तो जीएसटी की प्रभाव दर 6 प्रतिशत रह जायेगी और मकान का दाम और कम होगा।

परामर्श कंपनी रियलिस्टिक रीयल्टर्स ने आवास क्षेत्र पर जीएसटी की दर में सुधार करते हुए इसे 12 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत करने की सिफारिश की है। रियलिस्टिक रीयल्टर्स के चेयरमैन हरिंदर सिंह ने सुझाव दिया है कि स्टैम्प ड्यूटी को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाए ब्याज कटौती की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख या उससे अधिक किया जाये।

रियलिस्टिक रीयल्टर्स की सिफारिश है कि किराए से होने वाली आय में सम्पत्ति की निर्माण लागत पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ दिया जाए। 

(भाषा इनपुट के साथ)

Web Title: Budget 2019: Industry status For real estate sector, tax deduction for payment of principal up to 1.5 lakhs

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