बीएसईएस वितरण कंपनियों ने सात बिजली संयंत्रों से खरीद समझौता खत्म करने की प्रक्रिया शुरू की

By भाषा | Updated: July 15, 2021 22:21 IST2021-07-15T22:21:39+5:302021-07-15T22:21:39+5:30

BSES distribution companies begin process to terminate purchase agreements with seven power plants | बीएसईएस वितरण कंपनियों ने सात बिजली संयंत्रों से खरीद समझौता खत्म करने की प्रक्रिया शुरू की

बीएसईएस वितरण कंपनियों ने सात बिजली संयंत्रों से खरीद समझौता खत्म करने की प्रक्रिया शुरू की

नयी दिल्ली, 15 जुलाई बीएसईएस बिजली वितरण कंपनियों ने सात विद्युत संयंत्रों से बिजली खरीद समझौते से बाहर निकलने की प्रक्रिया शुरू की है। ये वे बिजली संयंत्र हैं, जिन्होंने परिचालन के 25 साल पूरे कर लिये हैं या उसके करीब हैं। बीएसईएस वितरण कंपनियां दिल्ली में बिजली वितरण करती हैं।

केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग के बीएसईएस राजधानी पावर लि. (बीआरपीएलएल) और बीएसईएस यमुना पावर लि. (बीवाईपीएल) को एनटीपीसी की दादारी-1 बिजली घर से बिजली खरीद समझौते (पीपीए) से बाहर निकलने की अनुमति के बाद दोनों वितरण कंपनियों ने उक्त फैसला किया है। इस संयंत्र को चालू हुए 30 नवंबर को 25 साल पूरा हो गया है।

वितरण कंपनी के एक सूत्र ने कहा, ‘‘दादरी 1 के अलावा, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की अगुवाई वाली बीएसईएस वितरण कंपनियों ने इस श्रेणी की अन्य बिजली संयंत्रों के साथ किये गये पीपीए से बाहर निकलने का लेकर दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग के साथ प्रक्रिया शुरू की है। इनमें से पांच संयंत्र ... ऊंचाहार-1, फरक्का, दादरी 1, औरैया गैस और अंता 25 साल पहले ही पूरे कर चुके हैं।

सूत्रों ने कहा कि शेष दो संयंत्रों में से कहलगांव-1 इस साल अगस्त में और दादरी गैस अप्रैल 2022 में 25 साल पूरा करेंगे।

बीएसईएस की वितरण कंपनियां...बीआरपीएल और बीवाईपीएल राष्ट्रीय राजधानी में करीब 45 लाख ग्राहकों को बिजली की आपूर्ति करती है।

सूत्र ने कहा, ‘‘ये सात बिजली घर बीएसईएएस वितरण कंपनियों को 6 रुपये प्रति यूनिट से अधिक महंगी बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं। ये बिजली संयंत्र बीएसईएस को लगभग 830 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करते हैं।’’

उसने कहा कि इस महंगी बिजली की जगह सस्ती बिजली लेने से कंपनी के साथ-साथ दिल्ली के लोगों को लाभ होगा। बिजली इस समय करीब 2.50 रुपये यूनिट पर उपलब्ध है। इससे दिल्ली के उपभोक्ताओं के लिये सालाना करीब 800 करोड़ रुपये की बचत होगी। यह बचत 25 साल में कुल 20,000 करोड़ रुपये की होगी।

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Web Title: BSES distribution companies begin process to terminate purchase agreements with seven power plants

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