"विकसित देश बनने के लिए प्रति व्यक्ति आय कम से कम 13,000$ हो, लेकिन आज हम कहां.." पूर्व गर्वनर सी रंगराजन ने कहा

By आकाश चौरसिया | Published: February 12, 2024 11:32 AM2024-02-12T11:32:37+5:302024-02-12T11:50:13+5:30

पूर्व आरबीआई गर्वनर ने पॉडकास्ट में कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का कार्यकाल में उन्होंने ये दिखाया कि कैसे सभी चीजें हैंडल हो सकती हैं और उन्होंने सभी परिस्थितियों का सामना करते हुए देश को आगे बढ़ने में ठोस कदम भी उठाएं। लेकिन उनका दूसरा कार्यकाल थोड़ा अलग रहा क्योंकि इस दौरान उन्हें राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ा।

become a developed country per capita income at least $13,000 but where we are today said former Governor C Rangarajan | "विकसित देश बनने के लिए प्रति व्यक्ति आय कम से कम 13,000$ हो, लेकिन आज हम कहां.." पूर्व गर्वनर सी रंगराजन ने कहा

फाइल फोटो

Highlightsपूर्व आरबीआई गर्वनर सी. रंगराजन ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के पहले कार्यकाल को अच्छा बतायासी. रंगराजन ने पूर्व पीएम के दूसरे कार्यकाल के लिए राजनीतिक समस्याओं को जिम्मेदार ठहरायाइसके अलावा उन्होंने देश के आर्थिक हालात के बारे में भी बात की

नई दिल्ली: पूर्व आरबीआई गर्वनर सी रंगराजन ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर पॉडकास्ट में कहा कि पहला कार्यकाल तो बहुत अच्छा रहा, लेकिन दूसरे कार्यकाल पर राजनीतिक बादल छा गए। सी रंगराजन पूर्व प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के चेयरमैन भी रहे हैं। 

पूर्व आरबीआई गर्वनर ने पॉडकास्ट में कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल में ये कर दिखाया कि कैसे सभी चीजें हैंडल हो सकती हैं और उन्होंने सभी परिस्थितियों का सामना करते हुए देश को आगे बढ़ने में ठोस कदम भी उठाएं। लेकिन, उनका दूसरा कार्यकाल थोड़ा अलग रहा क्योंकि इस दौरान उन्हें राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ा। लेकिन, उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए अच्छे काम किए। उन्होंने दूसरे कार्यकाल के लिए कुछ और भी कारण को जिम्मेदार ठहराया। 

1990 के कार्यकाल को किया याद..
पूर्व गर्वनर सी. रंगराजन ने उन दिनों को याद करते हुए बताया कि 1990 में पी. वी. नरसिम्हा राव की सरकार में उन्होंने वित्त मंत्री का जिम्मा संभालते हुए उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को उदार बनाया। रंगराजन ने ये भी बताया कि उन्हें नरसिम्हा सरकार में उन्हें वित्त मंत्री बनाने का कारण ये था कि वो एक बेहतर अर्थशास्त्री भी थे। बताते चले कि रंगराजन भारतीय रिजर्व बैंक के 22 दिसंबर, 1992 से लेकर 21 दिसंबर, 1997 तक गर्वनर भी रहे हैं।

सी. रंगराजन ने ये भी कहा कि नरसिम्हा राव ने पूर्व वित्त मंत्री मनमोहन सिंह को नई आर्थिक नीति देश के समक्ष लाने के लिए राजनीतिक रूप से मदद की। उस दौरान उन्होंने बताया कि वो उस टीम का हिस्सा थे, जिसे पूर्व वित्त मंत्री और पूर्व पीएम लीड कर रहे थे। नरसिम्हा राव के बारे में बताते हुए रंगराजन ने कहा कि उनका काम बहुत महत्वपूर्ण था, कई लोगों को ये नहीं पता होगा कि उन्होंने पीएम रहते हुए इंडस्ट्री मिनिस्टर का पद भी धारण किया हुआ था। इस कारण उन्होंने पूरी व्यवस्था में बदलाव और नियंत्रित कर लाइसेंस और अनेक प्रथाओं के भार को कम किया। 

प्रति व्यक्ति आय पर डाला प्रकाश
पूर्व गर्वनर ने ये भी बता दिया कि भारत प्रति व्यक्ति आय के मामले में कहा है। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि भारत पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है और अगले पांच सालों में यह तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था की ओर बढे़गा। इसपर हमें गर्व भी हैं, लेकिन इसके साथ ही ये नहीं भूलना चाहिए कि भारत प्रति व्यक्ति आय के मामले में 197 देशों में से 142 वां स्थान भारत का है। इसके लिए भी उचित निर्णय और नीति बनाने की जरुरत है। 

पूर्व गर्वनर ने बताई विकसित देश की परिभाषा
सी. रंगराजन ने विकसित देश की परिभाषा बताते हुए कहा कि वहां ये होता है कि प्रति व्यक्ति आय कम से कम 13000 डॉलर होनी चाहिए, लेकिन बात यहां आकर रुक गई है कि भारत में प्रति व्यक्ति आय 2,700 डॉलर ही है। विकसित देश बनने के लिए प्रति व्यक्ति आय को पांच गुना बढ़ाना होगा और उसके लिए काम करना होगा। उन्होंने ये भी कहा कि बेहतर तकनीकी के उपयोग में लेने के लिए एआई का भी इस्तेमाल करना पड़े, तो कोई दिक्कत की बात नहीं है।

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