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आंध्र प्रदेश को बिजली क्षेत्र में सुधारों को लागू करने पर 1,515 करोड़ रुपये अतिरिक्त उधारी की मंजूरी

By भाषा | Updated: February 4, 2021 23:23 IST

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नयी दिल्ली, चार फरवरी वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को आंध्र प्रदेश को बिजली क्षेत्र में सुधारों को लागू करने के लिये 1,515 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति दी।

सुधारों के तहत राज्य ने सितंबर 2020 से बिजली सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में हस्तातंरित (डीबीटी) शुरू किया है।

इस प्रकार, उसने सफलतापूर्वक बिजली क्षेत्र में निर्धारित तीन सुधारों में से एक को लागू किया है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘सुधार को सफलतापूर्वक लागू कर राज्य अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 0.15 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त राशि जुटाने को लेकर पात्र हो गया है। उसके अनुसार, व्यय विभाग ने राज्यों को 1,515 करोड़ रुपये जुटाने की अनुमति दी है। इससे राज्य को कोविड-19 महामारी से निपटने के लिये जरूरी अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने का विकल्प मिला है।’’

मध्य प्रदेश ने भी बिजली क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाया है।

इसके अनुसार राज्य को उसके जीएसडीपी का 0.15 प्रतिशत के बराबर यानी 1,423 करोड़ रुपये अतिरिक्त संसाधन जुटाने की मंजूरी दी गयी।

वित्त मंत्रालय ने राज्यों को अतिरिक्त संसाधन जुटाने की पात्रता को लेकर सुधारों की शर्तों को रखा है। इसमें बिजली क्षेत्र में सुधार शामिल हैं। इसके तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिये किसानों को सीधे बिजली सब्सिडी दिये जाने की बात कही गयी है ताकि सब्सिडी चोरी पर अंकुश लगे। इसका मकसद नकदी की तंग स्थिति को दूर कर वितरण कंपनियों की वित्तीय सेहत में भी सुधार लाना है।

कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों से पार पाने के लिये अतिरिक्त संसाधन की जरूरत को देखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले साल मई में राज्यों को कर्ज लेने की सीमा जीएसडीपी का 2 प्रतिशत तक बढ़ा दी थी। इसमें से आधा नागरिक केंद्रित सुधारों को लागू करने से जुड़ा था।

राज्यों को प्रत्येक क्षेत्र में सुधारों को पूरा करने पर उनके जीएसडीपी का 0.25 प्रतिशत अतिरिक्त संसाधन जुटाने की मंजूरी दी गयी। ये चार सुधार हैं...एक देश, एक राशन कार्ड, कारोबार सुगमता सुधार, शहरी स्थानीय निकाय/जन-उपयोगी सेवाओं में सुधार और बिजली क्षेत्र में सुधार।

आंध्र प्रदेश ने एक देश, एक राशन कार्ड सुधार, शहरी स्थानीय निकाय सुधार और कारोबार सुगमता सुधार भी लागू किये हैं।

अत: राज्य को इन नागरिक केंद्रित क्षेत्रों में सुधारों को आगे बढ़ाने के लिये प्रोत्साहन स्वरूप 9,190 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि जुटाने की अनुमति दी गयी।

अबतक 16 राज्यों ने चार में से कम-से-कम एक सुधार को लागू किया है और उन्हें सुधार से संबंधित कर्ज लेने की मंजूरी दी गयी। इनमें से 12 राज्यों ने एक देश, एक राशन कार्ड प्रणाली, 11 राज्यों ने कारोबार सुगमता सुधार, पांच राज्यों ने स्थानीय निकायों में सुधार तथा दो राज्यों ने बिजली क्षेत्र में सुधार क्रियान्वित किये हैं।

राज्यों को अबतक सुधार से जुड़े 73,257 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज की अनुमति दी गयी है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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