नयी दिल्ली, 29 जून भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने मंगलवार को सूचीबद्ध कंपनियों में स्वतंत्र निदेशकों से संबंधित नियमों में संशोधन तथा मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए एक ढांचा बनाने सहित कई उपायों को मंजूरी दी।
अन्य प्रस्तावों में नियामक ने निवासी भारतीय कोष प्रबंधकों को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का हिस्सा बनने तथा म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन की भी मंजूरी दे दी। इनके तहत संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) की योजनाओं में इनसे जुड़े जोखिमों के आधार पर ‘स्किन इन द गेम’ के तौर पर न्यूनतम राशि निवेश का प्रावधान किया गया है।
‘स्किन इन द गेम’ से तात्पर्य ऐसी स्थिति से है जिसमें किसी कंपनी को चलाने वाले उच्च पदों पर बैठे लोग अपने धन से कंपनी के शेयरों की खरीद करते हैं।
अभी नई कोष पेशकश में जुटाई गई राशि का एक प्रतिशत या 50 लाख रुपये, जो भी कम हो, निवेश करने की आवश्यकता होती है।
सेबी के निदेशक मंडल की मंगलवार को हुई बैठक में ये फैसले किए गए।
सेबी ने बयान में कहा कि मान्यता प्राप्त निवेशक व्यक्तिगत, अविभाजित हिन्दू परिवार (एचयूएफ), पारिवारिक न्यास, प्रॉप्राइटरशिप, भागीदारी फर्में, ट्रस्ट और वित्तीय मानकों पर आधारित कॉरपोरेट निकाय हो सकते हैं।
सेबी के निदेशक मंडल ने भेदिया कारोबार प्रतिबंध नियमन में संशोधनों को मंजूरी दे दी। इसके तहत सूचना देने वालों को अधिकतम इनाम की राशि को बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये किया गया है। अभी यह राशि एक करोड़ रुपये है।
इसके अलावा बुनियादी ढांचा निवेश न्यास (इनविट्स) और रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट्स) की निगरानी करने वाले नियमनों में बदलावों को मंजूरी दी गई है।
निवेशकों को सार्वजनिक/राइट्स निर्गम में भागीदारी के लिए विभिन्न भुगतान माध्यमों के जरिये आसान पहुंच सुनिश्चित करने को सेबी ने बैंकों, अनुसूचित बैंकों को छोड़कर, निर्गम के लिए बैंकर के रूप में पंजीकृत होने की अनुमति दी है।
बैंकों के अलावा अन्य इकाइयों के बारे में नियामक द्वारा समय-समय पर बताया जाएगा।
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