आखिरी दिन भी Air India को नहीं मिला खरीदार, कांग्रेस ने उड़ाया सरकार का मजाक

By भाषा | Published: June 1, 2018 03:14 AM2018-06-01T03:14:23+5:302018-06-01T03:14:23+5:30

सरकार एयरलाइन में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी अपने पास रखेगी। 28 मार्च को जारी ज्ञापन के अनुसार बोली जीतने वाली कंपनी को कम से कम तीन साल तक एयरलाइन में अपने निवेश को कायम रखना होगा। मार्च , 2017 के अंत तक एयरलाइन पर कुल 48,000 करोड़ रुपये का कर्ज का बोझ था।

Air India did not get the buyer on the last day, Congress raised the joke of the government | आखिरी दिन भी Air India को नहीं मिला खरीदार, कांग्रेस ने उड़ाया सरकार का मजाक

आखिरी दिन भी Air India को नहीं मिला खरीदार, कांग्रेस ने उड़ाया सरकार का मजाक

नई दिल्ली, 1 जून: सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए कोई बोली नहीं मिली है। नागर विमानन मंत्रालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। एयर इंडिया की रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री में इच्छुक पार्टियों की ओर से रूचि जाहिर करने की गुरुवार को नदेन सलाहकार ने सूचित किया है कि एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए निकाले गए रुचि पत्र (ईओआई) के लिए कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।'

बयान में कहा गया है कि इस पर आगे की कार्रवाई उचित तरीके से तय की जाएगी। ईवाई को इस प्रकिया के लिए लेनदेन सलाहकार नियुक्त किया गया था। सरकार ने राष्ट्रीय विमानन कंपनी में 76 प्रतिशत इक्विटी शेयर पूंजी की बिक्री का प्रस्ताव किया है। आरंभिक सूचना ज्ञापन के अनुसार इसके अलावा एयर इंडिया के प्रबंधन का नियंत्रण भी निजी कंपनी को दिया जाएगा। 

इस सौदे के तहत एयर इंडिया के अलावा उसकी कम लागत वाली इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि . की भी बिक्री की जाएगी। एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज एयर इंडिया और सिंगापुर की एसएटीएस लि . का संयुक्त उद्यम है। इससे पहले इसी महीने सरकार ने ईओआई जमा करने की तारीख को बढ़ाकर 31 मई किया था। पहले यह समयसीमा 14 मई थी। पात्र बोलीदाताओं को 15 जून तक सूचित किया जाना था। 

सरकार एयरलाइन में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी अपने पास रखेगी। 28 मार्च को जारी ज्ञापन के अनुसार बोली जीतने वाली कंपनी को कम से कम तीन साल तक एयरलाइन में अपने निवेश को कायम रखना होगा। मार्च , 2017 के अंत तक एयरलाइन पर कुल 48,000 करोड़ रुपये का कर्ज का बोझ था।

इसपर कांग्रेस ने बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार का मखौल उड़ाया और कहा कि मौजूदा सरकार को कंपनी के पुनर्निर्माण के लिए धन देना चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार को राष्ट्रीय विमानन कंपनी का जिम्मा कर्मचारी सहकारी समिति को सौंप देना चहिए। 

Web Title: Air India did not get the buyer on the last day, Congress raised the joke of the government

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