टी+1 चक्र को अपनाने से मार्जिन की जरूरत कम होगी, निवेश बढ़ेगा: विशेषज्ञ
By भाषा | Published: September 9, 2021 07:32 PM2021-09-09T19:32:42+5:302021-09-09T19:32:42+5:30
नयी दिल्ली, नौ सितंबर विशेषज्ञों ने बृहस्पतिवार को कहा कि बाजार नियामक सेबी द्वारा वैकल्पिक टी+1 (सौदा और एक दिन) निपटान प्रणाली शुरू करने के फैसले से ग्राहकों के लिए मार्जिन की जरूरत कम करने में मदद मिल सकती है और इससे इक्विटी बाजारों में खुदरा निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
टी+1 का मतलब है कि वास्तविक लेनदेन होने के एक दिन के भीतर सौदे का निपटान करना होगा। इस समय भारतीय शेयर बाजारों पर सौदों का निपटान लेनदेन के बाद दो कार्य दिवसों में किया जाता है, जो टी+2 कहा जाता है।
सेबी ने मंगलवार को जारी एक परिपत्र में शेयर बाजारों को वैकल्पिक आधार पर टी+1 निपटान चक्र अपनाने की अनुमति दी थी।
सेबी ने फिलहाल वैकल्पिक आधार पर इस व्यवस्था को लागू किया है। नई व्यवस्था एक जनवरी 2022 से लागू होगी।
मायवेल्थग्रो डॉट कॉम के सह-संस्थापक हर्षद चेतनवाला ने कहा कि इस कदम के फायदे और नुकसान पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, क्योंकि बाजारों को कुछ परिचालन संबंधी मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि निपटान चक्र को पूरा करने में कई कारक और संस्थाएं शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इस कवायद से इस बात का मूल्याकंन करने में मदद मिलेगी कि क्या टी+1 प्रभावी हो सकता है या टी+2 निपटान चक्र ही अच्छा है।
शेयरखान, बीएनपी परिबास के सीईओ जयदीप अरोड़ा ने कहा कि टी+1 निपटान का नया नियम नियामक की ओर से एक अच्छा कदम है, क्योंकि इससे ग्राहकों के लिए मार्जिन की जरूरत को कम करने में मदद मिल सकती है और इक्विटी बाजारों में खुदरा निवेश बढ़ेगा।
लर्नएप डॉट कॉम के संस्थापक और सीईओ प्रतीक सिंह ने कहा कि टी+1 शेयर बाजार में सभी प्रतिभागियों के लिए एक स्वागत योग्य कदम है।
उन्होंने कहा कि शेयर बाजारों के पास इन व्यवस्था को चुनने का विकल्प है, लेकिन सवाल यह है कि यदि एक बाजार टी+1 का विकल्प चुनता है और दूसरा नहीं, तो इससे थोड़ी भ्रम की स्थिति बन सकती है।
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