पहली छमाही में 36,342 करोड़ रुपये की बैंकिंग धोखाधड़ी के 4,071 मामले दर्ज : आरबीआई
By भाषा | Updated: December 28, 2021 20:55 IST2021-12-28T20:55:27+5:302021-12-28T20:55:27+5:30

पहली छमाही में 36,342 करोड़ रुपये की बैंकिंग धोखाधड़ी के 4,071 मामले दर्ज : आरबीआई
मुंबई, 28 दिसंबर चालू वित्त वर्ष (2021-22) की पहली छमाही में विभिन्न बैंकिंग कामकाज में धोखाधड़ी के मामले बढ़कर 4,071 हो गए, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह संख्या 3,499 थी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बैंकिंग प्रवृत्ति एवं प्रगति के बारे में मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि बैंकिंग कामकाज से संबंधित धोखाधड़ी के मामले बढ़ गए हैं। हालांकि, अप्रैल-सितंबर, 2021 के दौरान हुई धोखाधड़ी में शामिल रकम 36,342 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले की समान अवधि में 64,261 करोड़ रुपये थी।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंकों ने 35,060 करोड़ रुपये मूल्य के अग्रिम भुगतान से संबंधित धोखाधड़ी के 1,802 मामले दर्ज किए। इसके अलावा 1,532 मामले कार्ड भुगतान एवं इंटरनेट भुगतान से संबंधित थे जिनकी कुल राशि 60 करोड़ रुपये थी।
रिपोर्ट कहती है कि पहली छमाही में जमाओं से संबंधित धोखाधड़ी के 208 मामले सामने आए जिसमें 362 करोड़ रुपये की राशि का हेरफेर किया गया।
बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले में एक खास बात यह है कि इसमें आधे से भी अधिक हिस्सा निजी क्षेत्र के बैंकों का है। लेकिन मूल्य के संदर्भ में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का हिस्सा इस धोखाधड़ी में अधिक रहा है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक सार्वजनिक बैंकों में कर्ज संबंधी धोखाधड़ी ज्यादा हुई है जबकि कार्ड एवं इंटरनेट भुगतान और नकदी संबंधी गड़बड़ियां निजी बैंकों में ज्यादा हुई हैं।
वहीं वित्त वर्ष 2020-21 में 1,38,422 करोड़ रुपये मूल्य के कुल 7,363 धोखाधड़ी मामले दर्ज किए गए थे। यह संख्या वर्ष 2019-20 में 8,703 थी, जिनमें 1,85,468 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई थी। इस तरह 2020-21 में बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले एक साल पहले की तुलना में कम हो गए।
रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2020-21 में सामने आए कई मामले असल में पहले के थे लेकिन इस समय उन्हें दर्ज किया गया। इस अवधि में निजी बैंकों का अंशदान धोखाधड़ी की मात्रा एवं मूल्य दोनों में अधिक रहा।
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