मेगालैब को आयुर्वेद कोविड वैक्सीन विकसित करने लिए 300 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी

By भाषा | Published: May 13, 2021 11:27 PM2021-05-13T23:27:15+5:302021-05-13T23:27:15+5:30

300 million initial capital for Megalab to develop Ayurveda Kovid vaccine | मेगालैब को आयुर्वेद कोविड वैक्सीन विकसित करने लिए 300 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी

मेगालैब को आयुर्वेद कोविड वैक्सीन विकसित करने लिए 300 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी

मुंबई, 13 मई भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों(आईआईटी)के पूर्व छात्र/छात्राओं की परिषद द्वारा स्थापित मेगालैब ने आयुर्वेद कोविड19-वैक्सीन विकसित करने के लिए 300 करोड़ रुपये का शुरुआती कोष जुटाया है। उसका कहना है कि यह वैक्सीन दो खुराक में दी जाएगी और इससे पहली खुराक के कुछ दिनों के भीतर संक्रमण के प्रतिरोध की क्षमता पैदा हो सकती है।

आईआईटी पूर्व-छत्र परिषद के अध्यक्ष रवि शर्मा ने बृहस्पतिवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि मुंबई की मेगालैब को परिषद ने पिछले वर्ष अप्रैल में स्थापित किया गया था ताकि कोविड19 महामारी का सामना करने के उपायों और धन की व्यवस्था की जा सके। मेगालैब पश्चिमी जगत में उपलब्ध वैक्सीनों का आयात भी कर रही है। उन्हें मुंबई और बाद में अन्य जगहों पर वितरित किया जायेगा।

शर्मा ने कहा कि 300 करोड़ रुपये की सीड (प्रारंभिक पूंजी) सोसल फंड के पास जमा पूंजीका हिस्सा है, जो परिषद की वित्तपोषण शाखा है। परिषद ने महामारी की पहली लहर के चरम के समय पिछले साल अप्रैल में 21,000 करोड़ रुपये की धनराशि जुटाने की योजना घोषित की थी।

उन्होंने कहा कि प्रस्तावित टीका छह महीनों में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। यह एक सहायक आयुर्वेदक वैक्सीरन है जिसमें इंजेक्शन और नाक में टपका कर दिया जा सकेगा। इस टीके से प्रभावोत्पादकता में सुधार लाने, साइड इफेक्ट्स को कम करने और सभी पर असरदार ढंग से काम करने की उम्मीद है। यह इस वायरस (कोविड-19) के हर तरह के संस्करण पर काम करेगा जिनसेदेश में 2.6 लाख से अधिक मौत हो चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि प्रस्तावित टीका पहला एंटीजन-मुक्त, नया वैक्सीन है जो और स्थानीय रूप से निर्मित किया जाएगा। जिसके लिए चर्चा पहले से ही दवा कंपनियों के साथ चल रही है और यह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है।

शर्मा ने कहा कि अंतिम लक्ष्य, एक निरंतर उन्नत किये जाने योग्य वैक्सीन लाना है जो वायरस को हरा सकता है और इस प्रकार महामारी को खत्म करने में मदद कर सकता है।

आयातित टीकों की शुरुआत में एक अमेरिकी समकक्ष मूल्य बिंदु पर कीमत होगी ।

शर्मा ने कहा कि नई वैक्सीन पहल की अगुवाई जैव प्रौद्योगिकी उद्योग के कनेक्टिकट-स्थित वैचारिक अगुवा डॉ अरिंदम बोस कर रहे हैं, जो कोविड -19 टास्क फोर्स में चिकित्सीय समूह के अध्यक्ष और मेगालैब के इंडिया वैक्सीन स्टैक के वरिष्ठ सलाहकार हैं। बोस पहले फाइजर में वैक्सीन डेवलपमेंट डिवीजन की अगुवाई करते थे।आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र और एमआईटी से पीएचडी करने वाले डॉ शांताराम केन भारत वैक्सीन स्टैक के इंजेक्शन एडजुवेंट और ओरल एवं नेस्स ड्राप घटकों का नेतृत्व कर रहे हैं।

मेगालैब टीका विकास और वितरण में तेजी लाने के लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकी, प्रयोगशाला और जनशक्ति संसाधनों को जुटाने के मकसद के साथ कृष्ण डायग्नोस्टिक्स, कोडोय, कोटेलेओ, प्लैटिना और ब्रू सहित विभिन्न भागीदारों के साथ चर्चा कर रही है।

आईआईटी पूर्व छात्र परिषद सभी 23 आईआईटी और भारत इनोवेशन नेटवर्क के सहयोगी संस्थानों में पूर्व छात्रों का सबसे बड़ा वैश्विक निकाय है। इसमें 20,000 से अधिक पूर्व छात्रों की भागीदारी है।इसके साथ संस्थागत भागीदारों के रूप में मुंबई विश्वविद्यालय और आईसीटी मुंबई शामिल हैं।

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Web Title: 300 million initial capital for Megalab to develop Ayurveda Kovid vaccine

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