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भारंगम 2019: एक लड़की और घोड़े के बीच अथाह प्रेम और गहरी संवेदनाओं पर खरा उतरता है नाटक 'द हॉर्स' 

By धीरज पाल | Updated: February 9, 2019 08:33 IST

दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में इस साल 20वें भारत रंग महोत्सव में कई नाटकों की प्रस्तुति किया जा रहा है। भारत रंग महोत्सव में 'माइकल  मोरपुर्गो' की उपन्यास पर आधारित नाटक 'द हॉर्स' की प्रस्तुति की गई।

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नाटक: 'द हॉर्स'निर्देशक: किस्मत बानोस्क्रिप्ट: किस्मत बानोकिरदार: किस्मत बानो, उत्पल बोस, अपुर्बा, मुकुट नाथभाषा: हिंदी अवधि: 1 घंटा 

इंसान और जानवर दोनों में ही संवेदनाएं होती हैं। जितनी संवेदना इंसानों के अंदर जानवरों के प्रति होती होगी, शायद उतनी ही संवेदना जानवरों के अंदर भी इंसानों के प्रति होती होगी। हमारे अंदर संवेदनाएं ही हैं जो किसी भी प्राणी से अधिक समय तक के लिए जोड़कर रखती है। जिस दिन हमारी संवेदना किसी के प्रति समाप्त हो जाएगी, उसी दिन से उसके प्रति लगाव और संबंध कम हो जाएंगे या खत्म हो जाएगा। ऐसे में जानवर और इंसान की बीच पैदा अथाह प्रेम और गहरी संवेदनाओं पर खरा उतरता है नाटक 'द हॉर्स'। 

दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में इस साल 20वें भारत रंग महोत्सव में कई नाटकों का मंचन किया जा रहा है। भारत रंग महोत्सव में 'माइकल  मोरपुर्गो' की उपन्यास पर आधारित नाटक 'द हॉर्स' की प्रस्तुति की गई। एक लड़की और घोड़े  से जुड़े इस नाटक को असम की किस्मत बानो ने निर्देशित किया है इतना ही नहीं इस नाटक की स्क्रिप्ट और डिजाइन भी किस्मत बानो ने किया है। उन्होंने बेहद ही खूबसूरत और प्रभावी विजुअल के साथ इस नाटक का रुपांतरण किया है।  

क्या है कहानी

नाटक 'द हॉर्स' एक लड़की और घोड़े जुड़ा है। एक किशोरी जिसका नाम रुबिना है। उसके माता-पिता बेहद ही गरीब हैं और खेती उनका पेशा है। जमींदार के कर्ज के मारे हैं। रुबिना के पिता खेती करने के लिए एक घोड़े का बच्चा मेले से जमींदार से ही निलामी में खरीदकर लाते हैं। घोड़े का बच्चा देखकर रुबिना की मां गुस्सा हो जाती है। उसे इस बात का दुख था कि घोड़े का बच्चा कैसे खेती के लिए पानी लाएगा। रुबिना घोड़े का नाम ज्वॉय रखती है और कई उसे कई ट्रिक सीखाती है। उधर 1962 में चाइना और भारत के बीच जंग का ऐलान हो जाता है। जिसमें रूबीना के पिता घोड़े को भारतीय सेना को बेच देता है। चाइना वार में ज्वॉय चीन पहुंच जाता है। इसके बाद रुबिना और ज्वॉय के बीच मिलने तक कई घटनाओं का सामना करना पड़ता है। 

प्रभावी विजुअल के साथ नाटक की प्रस्तुति

द हॉर्स की 'निर्देशिका' किस्मत बानो ने रुबिना का किरदार निभाया है। उन्होंने प्रभावी विजुअल ऑडियो का शानदार इस्तेमाल किया। जो नाटक को और भी खूबसूरत बनाती है। भारत और चीन वार के पीछे बैकग्राउंड म्यूजिक की बात हो या घोड़े की हिनहिनाहट की। मंच पर घोड़े को नेचुरल तरीके दिखाने की कोशिश की गई है। जिसमें किस्मत बानो पूरी तरह से सफल भी हुई। तीन लोगों की मदद से घोड़े का किरदार मंच पर दिखाया गया।

रुबिना का किरदार निभा रही किस्मत बानो ने शानदार एक्टिंग की। इसके साथ माता की किरदार में उत्पल बोस और पिता ने अपूर्बा ठाकुरिया ने बखुबी किरदार निभाया। कहानी काफी प्रेरणात्मक है और बहुत कुछ सीखाती है।      

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