सुशांत सिंह राजपूत केस (sushant singh suicide case)की जांच पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India)ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इस बात पर मुहर लगा दी है कि एक्टर के सुसाइड केस की जांच सीबीआई (Central Bureau of Investigation)ही करेगी। सुशांत का परिवार और फैंस एक लंबे समय से सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। वहीं रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी कि केस की जांच मुंबई में ही की जाए। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में दर्ज हुई FIR को सही बताया है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार को जांच में सहयोग देने को कहा है।
वहीं, सुशांत सिंह राजपूत के मौत की गुत्थी को सुलझाने की जिम्मेदारी अब सीबीआई को मिल चुकी है। इससे पहले ही कई लोगों शक के घेरे में आ चुके हैं और इनमें से कई लोग तो अपनी ओर से सफाई भी दे चुके हैं।
सुशांत सिंह राजपूत केस में सबसे अहम गवाही चाबीवाले की है। चाबी वााले ने बताया है कि मुझे सिद्धार्थ पिठानी का कॅाल आया था। उसने मुझसे फोन पर कहा कि एक शख्स है जो काफी देर तक सो रहे हैं और दरवाजा नहीं खोल रहे हैं। फोन कर रहे हैं तो फोन भी नहीं उठा रहे हैं। आप आकर दरवाजे का लॅाक ओपन कर दीजिए। जिसके बाद मैंने उनसे लोकेशन मांगा और साथ ही दरवाजे के लॅाक की तस्वीर मांगी।
जब मैंने पहुंचकर ताला खोलने की कोशिश की तब मुझे इस बारे में नहीं बताया गया था कि अंदर कौन है। इसके बाद चाबी खोलते समय काफी समय लग रहा था। मुझे पूछा गया कि कितना समय लगेगा? मैंने कहा इस लॅाक को खोलने में काफी समय लग सकता है। फिर सिद्धार्थ पिठानी ने कहा कि अंदर कोई सो रहे हैं। मुझे लॅाक तोड़ने के लिए बोला गया।
मुझे फिर कहा गया कि लॅाक तोड़ते समय अगर भीतर से सर की आवाज आती है तो आप अपना काम रोक दीजिएगा। इसके बाद जब मैं लॅाक तोड़ने की कोशिश करता तो मुझे कुछ समय रोका गया। इसके बाद वहां पर जो लोग थे, वो दरवाजे पर कान लगातर सुनने लगे कि भीतर से कोई आवाज आ रही है या नहीं। इसके बाद दरावाजा तोड़ा और जैसे ही मैंने थोड़ा दरवाजा हैंडल से खोला तो मुझे रोक दिया गया और कहा गया कि आप यहां से अपना सामान लेकर चले जाइए। मुझे पैसे दिए गए। मुझे याद नहीं है कि कौन छोड़ने नीचे आया था। चाबीवाले ने कहा कि वहां पर लोग डरे हुए नहीं थे। मुझे नहीं लगता कि ये मर्डर का मामला है। ये सुसाइड ही है।