CAA के खिलाफ सुशांत सिंह का फूटा गुस्सा, कहा- किसी देश में सितारे क्रांति लेकर नहीं आए, क्रांति युवा और आम आदमी लाता है

By भाषा | Updated: December 18, 2019 19:08 IST2019-12-18T19:08:56+5:302019-12-18T19:08:56+5:30

सुशांत सिंह ने कहा, ‘‘ अगर मैं एक पिता या नागरिक के नाते महसूस करता हूं कि यह सही मुद्दा है तो उनके साथ खड़े होना मेरी जिम्मेदारी है क्योंकि कल मुझे अपने बच्चों को जवाब देना होगा।

Stars did not bring revolution in any country, revolution brings young and common man: Sushant Singh | CAA के खिलाफ सुशांत सिंह का फूटा गुस्सा, कहा- किसी देश में सितारे क्रांति लेकर नहीं आए, क्रांति युवा और आम आदमी लाता है

CAA के खिलाफ सुशांत सिंह का फूटा गुस्सा, कहा- किसी देश में सितारे क्रांति लेकर नहीं आए, क्रांति युवा और आम आदमी लाता है

Highlights अभिनेता सुशांत सिंह चिंतित नहीं हैं क्योंकि उनका मानना है कि क्रांति हमेशा युवा और आम आदमी ही लाते हैं।सुशांत ‘मी टू’ आंदोलन के लिए मुखर रहे हैं और अब उन्होंने सीएए के विरोध में सड़क पर उतर कर भी प्रदर्शन किया

 संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे विरोध पर फिल्म उद्योग के बड़े सितारों की चुप्पी से अभिनेता सुशांत सिंह चिंतित नहीं हैं क्योंकि उनका मानना है कि क्रांति हमेशा युवा और आम आदमी ही लाते हैं। सुशांत ‘मी टू’ आंदोलन के लिए मुखर रहे हैं और अब उन्होंने सीएए के विरोध में सड़क पर उतर कर भी प्रदर्शन किया। उन्होंने संकेत दिया था कि सीएए के विरोध के चलते उन्हें एक टीवी शो से बाहर किया गया है।

अभिनेता ने कहा कि उनके लिए चुप रहने का विकल्प नहीं था, भले ही इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत चुकानी पड़ती। सुशांत ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा, “यह मुद्दे धनी लोगों को प्रभावित नहीं करते। मैं भी उसी वर्ग से आता हूँ। प्याज के दाम हमें प्रभावित नहीं करते। हमें कुछ भी खरीदने के लिए दोबारा सोचना नहीं पड़ता। इसीलिए मुझे लगता है कि हम इस पर ध्यान नहीं देते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ विचारधाराओं में भी भिन्नता हो सकती है।

संभव है कि जो लोग इसके बारे में बात नहीं कर रहे हैं, उन्हें इससे कोई परेशानी ही नहीं है। हम किसी के बोलने का इंतजार क्यों करें? किस देश में (फिल्मी) सितारे क्रांति लेकर आए? यह काम हमेशा युवाओं या आम आदमी ने ही किया है।” ‘‘दी लीजेंड आफ भगत सिंह’’ में क्रांतिकारी सुखदेव का किरदार अदा करने वाले सुशांत का कहना है कि उन्हें अपने बच्चों के कारण इस मुद्दे पर बोलने को मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘ अगर मैं एक पिता या नागरिक के नाते महसूस करता हूं कि यह सही मुद्दा है तो उनके साथ खड़े होना मेरी जिम्मेदारी है क्योंकि कल मुझे अपने बच्चों को जवाब देना होगा।

‘पद्मावत’ के खिलाफ प्रदर्शन होते हैं लेकिन रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर प्रदर्शन नहीं होते ।’’ सुशांत ने कहा कि अपने छात्र जीवन के दौरान उनका भी उस समय की सरकार से मोह भंग हो गया था और उन्होंने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया था लेकिन उस दौरान छात्रों का ऐसा दमन नहीं हुआ जैसा जामिया मल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुआ । 

Web Title: Stars did not bring revolution in any country, revolution brings young and common man: Sushant Singh

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