श्रीदेवी का दुबई में निधन हुआ। उनके पार्थिव शरीर को भारत आने तीन दिन लगे। इस पर कई तरह के सवाल उठे। लेकिन यह पहला मौका नहीं था। जब किसी मशहूर शख्स की दुबई में मौत हुई हो। पांच साल पहले दुबई में हूबहू ऐसी घटना घटी थी। तब अभिनेता फारुख शेख के ठीक ऐसा ही हुआ था।
अभिनेता फारुख शेख की दुबई में 27 दिसंबर, 2013 को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वह 65 साल के थे। एकदम स्वस्थ थे। अचानक शुक्रवार रात उनकी हृदय गति रुक गई। बाद में उसे कार्डियक अरेस्ट बताया गया। वह मुंबई से अपनी पत्नी और बेटी के साथ दुबई में छुट्टियां मनाने गए थे। उनकी छुट्टियां करीब-करीब खत्म हो गई थीं। उनका परिवार वापस मुंबई आने की तैयारी कर रहा था। लेकिन 27 दिसंबर की रात वे नहीं रहे। इसके बाद शुरू हुई दुबई पुलिस की कार्रवाई। 29 दिसंबर को फारुख शेख को वापस भारत लाया जा सका।
एक नजर श्रीदेवी की मौत पर- श्रीदेवी की मौत 24 फरवरी की रात हुई। पहले उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया। वह 54 साल की थीं। वह एकदम स्वस्थ थीं। लेकिन अचानक उनकी हृदय गति रुक गई। बाद में इसे कार्डियक अरेस्ट कहा गया। दुबई पुलिस ने दो दिन की कार्रवाई के बाद इसे दुर्घटना बताया। श्रीदेवी अपने पति और बेटी के साथ एक शादी समोराह में शिरकत करने गई थीं। समारोह खत्म हो गया था। वह एक-दो दिन में लौटने वाली थीं। इनकी मौत शनिवार रात हुई।
एकदम एक सा फारुख शेख और श्रीदेवी का कॅरियर
ऐसा नहीं था कि अभिनेता फारुख शेख ने सीधे बॉलीवुड में एंट्री की थी। फरुख शेख को पहली बार रेडियो पर क्वीज मास्टर के तौर पहचान मिली। इसके बाद उन्होंने दूरदर्शन के टीवी एंकर रूप में जाना गया। उन्होंने बॉम्बे दूरदर्शन शो, युवादर्शन व यंग वर्ल्ड जैसे टीवी शो होस्ट किए। बाद में उन्हें फिल्म 'गरम हवा' में ब्रेक मिला। धीरे-धीरे वह बॉलीवुड में आम आदमी का चेहरा बन गए। उनके बारे में कहा गया कि वह भारतीय फिल्म इतिहास के पहले सबसे सहज अभिनेता थे। उन्हें अभिनय करने के लिए अतिरिक्त प्रयास नहीं करना होता था। 1970 के दशक में काफी मशहूर होने के बाद उनके कॅरियर पर भी विराम लगा। उन्होंने दूसरी पारी में 'ये जवानी है दिवानी' रणबीर कपूर के पिता का किरदार निभाया और फिर से मशहूर हुए।
श्रीदेवी भी सीधे बॉलीवुड आने वाली अभिनेत्री नहीं हैं। उन्होंने पहले बाल कलाकार के तौर काम किया। इसके बाद दक्षिण भारत की फिल्मों की हीरोइन बनीं। बाद में उन्हें चांदनी, सदमा, मिस्टर इंडिया जैसी फिल्मों से पहचान मिलीं। उन्हें बॉलीवुड की पहली महिला सुपरस्टार के तौर देखा गया। लेकिन उन्होंने अपने कॅरियर में ऊंचाई पाने के बाद इंडस्ट्री से दूरी बना ली। करीब 15 साल बाद उन्होंने इंग्लिश-विंग्लिश जैसी फिल्म से वापसी की। उन्होंने सशक्त मां का किरदार निभाया और मशहूर हुईं।
इतिहास खुद को दोहराता है, बोनी की पहली पत्नी के साथ भी हुआ ऐसा
बोनी कपूर की दोनों पत्नियों की मौत में एक समानता है। दोनों ही अपने बच्चों की फिल्मों को लेकर बेहद उत्साहित थीं। लेकिन दोनों अपने बच्चों की फिल्में नहीं देख पाईं। श्रीदेवी की बड़ी बेटी जाह्नवी कपूर की डेब्यू फिल्म 'धड़क' जुलाई में रिलीज होगी। चार महीने पहले श्रीदेवी की मौत हो गई लेकिन यह पहली बार नहीं हुआ है। ठीक ऐसा ही बोनी कपूर की पहली पत्नी मोना शौरी के साथ भी हुआ था।
बोनी कपूर की पहली पत्नी मोना शौरी की 25 मार्च, 2012 को कैंसर से मौत हो गई। जबकि उनके बेटे अर्जुन कपूर की डेब्यू फिल्म 'इशकजादे' 11 मई, 2012 को रिलीज हुई थी। श्रीदेवी की तरह ही वह भी अपने बेटे की पहले फिल्म को लेकर उत्साहित थीं।
अर्जुन कपूर-परिणीति चोपड़ा की फिल्में
अर्जुन कपूर ने कॅरियर की शुरुआत परिणीति चोपड़ा के साथ इशकजादे से की। 11 मई, 2012 को आई इशकजादे अर्जुन कपूर की पहली फिल्म थी। लेकिन इस फिल्म के आने पहले उनके मां का निधन हो गया था। इसके बाद अर्जुन और परिणीति ने साथ काम नहीं किया।
करीब छह साल बाद फिर से दोनों साथ आए। इस उनकी 'नमस्ते इंग्लैंड' आ रही है। बीती 23 फरवरी को इस फिल्म का पहला पोस्टर रिलीज हुआ था। लेकिन 24 तारीख को श्रीदेवी के निधन की खबर आई।